ऋषिकेश, 1 जून — रविवार को ऋषिकेश के सिंगटाली पुल क्षेत्र में गंगा नदी में स्नान के दौरान एक युवक की डूबने से मृत्यु हो गई। युवक उत्तर प्रदेश का निवासी था और वह हरियाणा के गुरुग्राम से आए एक 14 सदस्यीय पर्यटक दल का हिस्सा था। मौके पर पहुंची राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर युवक के शव को बरामद कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह गुरुग्राम से आए पर्यटकों का यह दल ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित सिंगटाली पुल के समीप गंगा तट पर पहुंचा था। सभी सदस्य गंगा स्नान के लिए नदी किनारे गए। स्नान के दौरान दल का एक युवक, 26 वर्षीय गुड्डू यादव, अचानक गंगा के तेज बहाव में बहने लगा।
गुड्डू यादव उत्तर प्रदेश के जिला संभल के ग्राम सेमला का रहने वाला था। जैसे ही वह बहाव की चपेट में आया, उसी समय उसके साथ आया एक अन्य युवक — 30 वर्षीय अंकित कुमार, निवासी सीतापुर (उत्तर प्रदेश) — उसे बचाने के लिए गंगा में कूद गया। अंकित ने जान की परवाह किए बिना अपने साथी को बचाने का प्रयास किया। हालांकि वह स्वयं भी मुश्किल में फंस गया, लेकिन किसी तरह एक बड़े पत्थर का सहारा लेकर नदी में अपनी जान बचा पाया।
घटना के तुरंत बाद, आसपास मौजूद स्थानीय लोगों ने स्थिति को गंभीर समझते हुए SDRF की ढालवाला यूनिट को सूचना दी। सूचना मिलते ही SDRF निरीक्षक कविंद्र सजवाण के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया।
एसडीआरएफ टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया और कुछ समय की मशक्कत के बाद नदी से युवक का शव बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद शव को राजस्व पुलिस के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने शव की पहचान और अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं।
एसडीआरएफ के निरीक्षक ने बताया कि गंगा का यह क्षेत्र काफी गहराई वाला है और यहां जलधारा अत्यंत तीव्र होती है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन द्वारा इस स्थान पर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती रही है। बावजूद इसके, गर्मियों के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं और अक्सर बिना सुरक्षा उपकरणों के गंगा स्नान कर बैठते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
मृतक युवक गुड्डू यादव के परिवार को सूचना दे दी गई है, और प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। दूसरी ओर, अंकित कुमार के साहस की स्थानीय लोगों और प्रशासन ने सराहना की है, जिन्होंने अपने साथी को बचाने के लिए खतरे में जान डाल दी।
इस हादसे के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है और पर्यटकों में भी डर का माहौल देखा गया। गंगा तट पर स्थानीय पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है और SDRF टीमों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।
सावधानी की जरूरत
गौरतलब है कि गर्मियों के मौसम में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए ऋषिकेश, हरिद्वार और देवप्रयाग जैसे स्थलों पर पहुंचते हैं। हालांकि इन धार्मिक स्थलों की पवित्रता के चलते लोग भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं, मगर गंगा की जलधारा कई जगहों पर बेहद तेज और खतरनाक होती है।
SDRF और स्थानीय प्रशासन बार-बार यह अपील करता रहा है कि पर्यटक अनजान घाटों और बिना सुरक्षा व्यवस्था वाले स्थानों पर गंगा स्नान से बचें। गहरे पानी में जाने से पूर्व स्थानीय गाइड या सुरक्षा कर्मियों की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
निष्कर्ष
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि जलक्रीड़ा या धार्मिक आस्था से जुड़े कर्मकांड करते समय सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। एक छोटी सी असावधानी, एक पल की चूक, किसी की जान ले सकती है। प्रशासन और स्थानीय लोगों की त्वरित कार्रवाई ने राहत तो दी, लेकिन एक युवक की जान नहीं बचाई जा सकी।