रामनगर (जिला नैनीताल, उत्तराखंड) – नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ा हुआ है। बीते डेढ़ महीने से चल रही इस कार्यवाही के तहत अब तक 17 मदरसों को सील किया जा चुका है। प्रशासन का यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और वैधता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्रशासन का स्पष्ट संदेश: नियमों से समझौता नहीं
रामनगर के उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में चल रही इस कार्यवाही को पूरी पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कोई भेदभावपूर्ण या धार्मिक आधार पर की गई कार्यवाही नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सभी शैक्षणिक संस्थानों को कानूनी ढांचे में लाना और तय मापदंडों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित करना है।
जिन मदरसों को सील किया गया है, उनमें से अधिकांश के पास उचित पंजीकरण, भवन सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज, या शैक्षणिक अनुमति पत्र नहीं थे। इसके अलावा कई संस्थानों का भवन निर्माण नियमन, अग्निशमन प्रमाणपत्र और शिक्षा बोर्ड से मान्यता जैसे दस्तावेज भी अधूरे या संदिग्ध पाए गए। इसी आधार पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए इन संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।
अब तक सील किए गए मदरसों की सूची:
1. मदरसा अनवार उल कुरान, एजुकेशनल सोसायटी, बिलाली मस्जिद, गुलरघट्टी
2. मदरसा गुलशन-ए-गोसिया, नूरी मस्जिद, खताड़ी
3. मदरसा दारूल उलूम गुलशने रजा, इन्द्रा कॉलोनी, खताड़ी
4. मदरसा फेज़ाने रजा, आशियाना कॉलोनी, भवानीगंज
5. मदरसा मिफतुल उलूम, जामा मस्जिद
6. मदरसा अरबिया शिफा उल उलूम, पूछड़ी फौजी कॉलोनी
7. मदरसा नासिर उल उलूम, कदीमी मस्जिद, गुलरघट्टी
8. मदरसा इस्लामिया मिसबाहुल उलूम, एजुकेशनल सोसायटी
9. मदरसा गुलशन-ए-बगदाद, साबरी
10. मदरसा मुफ्ती-ए-आज़म-ए-हिंद, शक्तिनगर
11. मदरसा इमाम अहमद रजा, आदर्श नगर, गुलरघट्टी
12. मदरसा दारूल उलूम चिश्तिया, मनिहार मस्जिद, ढिकुली
13. मदरसा रजा दारूल उलूम, छप्पर वाली मस्जिद
14. मदरसा बनातुल उलूम, मोहल्ला खताड़ी
15. मदरसा गुलशने अज़ीज़िया, जामा मस्जिद, टांडा मल्लू
16. मदरसा तुल मदीना, हुसैन रजा मस्जिद, भवानीगंज
17. मदरसा फेज़ानी आला हजरत रजा, चांद मस्जिद, टांडा मल्लू
शिक्षा व्यवस्था को दायरे में लाने की कोशिश
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल उन संस्थानों तक सीमित है जो बिना वैध दस्तावेज और मंजूरी के चल रहे हैं। उत्तराखंड सरकार का रुख स्पष्ट है – चाहे वह कोई भी निजी स्कूल, कॉलेज या धार्मिक शिक्षण संस्था हो, सबको नियमों का पालन करना अनिवार्य है। नियमों की अनदेखी करने वाले किसी भी संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।
यह भी कहा गया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को कानूनी और पारदर्शी बनाना है, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित शिक्षा मिल सके। प्रशासन का कहना है कि यदि भविष्य में अन्य किसी शैक्षणिक संस्था के दस्तावेज भी अधूरे या फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी इसी तरह की सख्त कार्यवाही की जाएगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया और आगे की राह
इस कार्यवाही के बाद क्षेत्र में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। जहां कुछ लोगों ने प्रशासन की पारदर्शिता और शिक्षा के प्रति कठोर रुख की सराहना की, वहीं कुछ वर्गों ने इससे छात्रों के भविष्य पर प्रभाव पड़ने की चिंता जताई है। हालांकि प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है, उनके स्थानांतरण और पुनः नामांकन की व्यवस्था की जाएगी।
निष्कर्ष
रामनगर में चल रहा यह अभियान दिखाता है कि प्रशासन अब शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह की अनियमितता और अवैधता को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। शिक्षा के नाम पर चलाई जा रही संस्थाओं को केवल धार्मिक या सामाजिक पहचान के आधार पर नहीं, बल्कि कानूनी और शैक्षणिक मानकों के अनुसार परखा जाएगा। प्रशासन का संदेश साफ है – चाहे जो भी संस्था हो, जब तक वह मान्यता प्राप्त और वैध नहीं है, तब तक उसका संचालन अस्वीकार्य है।