Demo

हरिद्वार – ऐतिहासिक गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय इन दिनों भारी प्रशासनिक अस्थिरता और तनाव के दौर से गुजर रहा है। विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति को कुलाधिपति एस.के. आर्य द्वारा पद से हटाए जाने के बाद परिसर में उथल-पुथल मच गई है। कुलाधिपति ने उन पर गंभीर प्रशासनिक लापरवाही, आदेशों की अवहेलना और अनुशासनहीनता जैसे आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्हें तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर देहरादून स्थित कन्या गुरुकुल परिसर के समन्वयक कार्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

 

नियुक्ति से शुरू हुआ टकराव

 

यह विवाद अगस्त 2024 में शुरू हुआ जब प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति को विश्वविद्यालय की पहली महिला प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया। कुछ ही समय बाद एस.के. आर्य को कुलाधिपति बनाया गया, जिससे विश्वविद्यालय के भीतर अधिकारों को लेकर मतभेद पनपने लगे। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कुलाधिपति की नियुक्ति यूजीसी रेगुलेशन 2019 के तहत की गई है, जबकि विश्वविद्यालय के कर्मचारी वर्ग का कहना है कि 2023 के नए यूजीसी नियमों को लागू किया जाना चाहिए। इस मतभेद ने समय के साथ और गंभीर रूप ले लिया।

 

कुलसचिव की नियुक्ति बना विवाद का केंद्र

 

टकराव उस समय और बढ़ गया जब 2 जुलाई 2025 को विश्वविद्यालय में छात्रों और कर्मचारियों के बीच झड़प हुई। इसके बाद प्रभारी कुलपति प्रो. हेमलता ने कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह प्रो. विपुल शर्मा को कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया। वहीं कुलाधिपति एस.के. आर्य ने अपने स्तर से प्रो. सुनील कुमार को ही पूर्णकालिक कुलसचिव बनाए रखने का आदेश जारी किया। इससे प्रशासनिक आदेशों को लेकर विश्वविद्यालय में भ्रम की स्थिति बन गई।

 

नेतृत्व पर उठे सवाल

 

कुलाधिपति ने अपने आधिकारिक पत्र में कहा है कि कुलपति कार्यालय को 28 जून, 30 जून और 3 जुलाई को कुल छह पत्र भेजे गए, जिनमें कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक बिंदुओं पर जवाब मांगा गया था, परंतु कोई ठोस उत्तर नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि दो जुलाई की हिंसक घटना के दौरान प्रो. हेमलता विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं थीं और न ही उन्होंने प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों से कोई संवाद स्थापित किया। इसे उन्होंने नेतृत्व की गंभीर विफलता बताया।

 

निर्णय प्रक्रिया पर उठे सवाल

 

प्रो. सुनील कुमार को हटाने का निर्णय कुलपति ने बिना किसी सलाह या औपचारिक प्रक्रिया के लिया, जिसे प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन माना गया है। इसके अलावा, प्रबंधन बोर्ड की बैठकें बुलाने में भी जानबूझकर विलंब किया गया, जिससे कई आवश्यक नीतिगत निर्णय लंबित रह गए। विश्वविद्यालय के आंतरिक पत्राचार की फोरेंसिक जांच में भी अनियमितताएं पाए जाने का दावा किया गया है।

 

रिपोर्टिंग का नया आदेश

 

इन सभी घटनाओं के आधार पर कुलाधिपति ने प्रो. हेमलता को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त करते हुए निर्देश दिया है कि वे देहरादून स्थित कन्या गुरुकुल परिसर के समन्वयक कार्यालय में कार्यभार संभालें। इस निर्णय के बाद विश्वविद्यालय परिसर में असंतोष और अस्थिरता और अधिक गहराती जा रही है।

 

कुलसचिव का मामला भी उलझा

 

प्रो. सुनील कुमार को हटाए जाने के बाद से स्थिति और अधिक पेचीदा हो गई है। न तो उन्होंने देहरादून पीजी कॉलेज में रिपोर्ट किया है, जहां उन्हें मूल रूप से स्थानांतरित किया गया था, और न ही वे विश्वविद्यालय में सक्रिय रूप से कुलसचिव का कार्यभार निभा रहे हैं। वर्तमान में कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में प्रो. विपुल शर्मा जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिससे दोहरी स्थिति उत्पन्न हो रही है।

 

छात्र और कर्मचारी वर्ग में असमंजस

 

इस पूरे घटनाक्रम से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल प्रभावित हुआ है। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रशासनिक आदेशों के बीच टकराव से दैनिक कार्यों और शैक्षणिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। विश्वविद्यालय के भीतर अब यह मांग तेज हो रही है कि उच्च शिक्षा विभाग और यूजीसी जैसे उच्च स्तर की संस्थाएं हस्तक्षेप करें ताकि स्थि

ति को सामान्य किया जा सके।

Share.
Leave A Reply

Live Almora

Stay connected with Live Almora – your trusted source for local news, events, and updates from Almora and across Uttarakhand. Real stories, real voices, right from the hills.

Contact Us-  
Aryan Sharma
Kalli mitti gaon
Thano road
Raipur dehradun
Phone – 91934 28304