उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन और पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) ने राज्य की पर्वतीय क्षमता पर विस्तृत जानकारी दी और नए अवसरों पर चर्चा की।
नंदा देवी पर्वत 40 साल बाद फिर से खुल सकता है
बैठक का सबसे अहम मुद्दा था नंदा देवी पर्वत, जो 1983 से आम लोगों के लिए बंद है। अब इसे दोबारा पर्वतारोहण के लिए खोलने की योजना बनाई जा रही है। पर्यटन, वन और IMF मिलकर इस पर एक ठोस प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।
गंगोत्री में हिम तेंदुआ ईको-टूरिज्म की योजना
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुओं को देखने के लिए अक्टूबर से मार्च तक ईको-टूरिज्म शुरू करने पर विचार हो रहा है। यह योजना लद्दाख के हेमिस नेशनल पार्क की तरह होगी, जहां सर्दियों में बर्फीले क्षेत्रों में वन्यजीवों को देखने का अनुभव मिलता है।
सीमावर्ती पर्वतों पर पर्वतारोहण को मंजूरी
बैठक में यह भी तय किया गया कि सीमावर्ती पर्वत चोटियों पर पर्वतारोहण अभियानों की अनुमति दी जाएगी। इससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
ट्रैकिंग के लिए डिजिटल पोर्टल
वन विभाग ने जानकारी दी कि एकल खिड़की पोर्टल के ज़रिए अब ट्रैकिंग की अनुमति लेना आसान हो जाएगा। इससे पंजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैकर्स की संख्या तय की जाएगी।
हर साल एडवेंचर टूरिज्म मीट का आयोजन होगा
IMF अध्यक्ष कर्नल विजय सिंह ने सुझाव दिया कि हर साल एक एडवेंचर टूरिज्म मीट का आयोजन हो, जिसमें देशभर के टूर ऑपरेटर, नीति निर्माता और पर्यटन से जुड़े लोग मिलकर योजनाएं बना सकें।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग:
इस बैठक में मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, IMF के कर्नल मदन गुरूंग, सचिव कीर्ति पायस, डॉ. पूजा गर्ब्याल, टीटीएफ के राकेश पंत सहि
त कई विशेषज्ञ शामिल रहे।