उत्तरकाशी — उत्तराखंड सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक स्थित सुदूरवर्ती गांव गैंचवांण का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य क्षेत्र के किसानों से सीधा संवाद करना, उनकी समस्याएं जानना और उन्नत बागवानी तकनीकों को प्रोत्साहन देना रहा। मंत्री ने यहां सेब बागानों का निरीक्षण किया और स्थानीय कृषकों द्वारा अपनाई जा रही आधुनिक खेती विधियों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सेब की खेती को लेकर अपार संभावनाएं हैं। पहाड़ी जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता इस फसल के लिए अनुकूल है, और यदि वैज्ञानिक तकनीकों का सही उपयोग किया जाए, तो राज्य सेब उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है।
सरकार दे रही है हरसंभव सहयोग
गणेश जोशी ने संवाद के दौरान किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। उनका कहना था कि सरकार का फोकस केवल अनुदान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, संसाधन, विपणन सहायता और जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “उत्तरकाशी जैसे सीमांत जिले में किसानों द्वारा सेब उत्पादन का सफल प्रयास राज्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है। पर्वतीय कृषि को लाभकारी और टिकाऊ बनाने की दिशा में हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।”
बागवानी और जैविक खेती को बढ़ावा
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में “एप्पल मिशन योजना” के तहत किसानों को बेहतर किस्मों के पौधे, सिंचाई की आधुनिक व्यवस्था, कीट नियंत्रण और बागवानी उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। इसके अलावा किसानों को फसल संरक्षण, कटाई-पछाई और भंडारण की तकनीकें भी सिखाई जा रही हैं, जिससे वे अधिकतम लाभ कमा सकें।
गांव में हुए कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने किसानों को यह संदेश दिया कि बागवानी और जैविक खेती का मेल न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल है, बल्कि इससे उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार मूल्य भी बढ़ता है।
विभागीय स्टालों का अवलोकन और जानकारी
कार्यक्रम स्थल पर कृषि, उद्यान, पशुपालन और अन्य विभागों की ओर से विभिन्न स्टाल लगाए गए थे। इन स्टालों के माध्यम से किसानों को सरकारी योजनाओं, उन्नत तकनीकों और संसाधनों की जानकारी दी गई। मंत्री ने इन स्टालों का अवलोकन करते हुए कहा कि किसानों को एक ही स्थान पर समग्र जानकारी मिलना स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को योजनाओं का लाभ सरल और पारदर्शी प्रक्रिया से मिले, ताकि उनकी आय में वाकई में बढ़ोतरी हो।
सेब उत्पादकों को वितरित किए गए चेक
इस मौके पर “एप्पल मिशन योजना” के अंतर्गत लाभान्वित बागवानों को वित्तीय सहायता के चेक भी वितरित किए गए। चेक वितरण कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कुछ किसानों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी खेती से जुड़ी समस्याओं को भी गंभीरता से सुना।
किसानों ने उनसे पानी की उपलब्धता, प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, तथा सेब को सही मूल्य पर बेचने जैसी समस्याएं साझा कीं, जिनका मंत्री ने समाधान करने का आश्वासन दिया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिंह चौहान, पूर्व विधायक मालचंद, ब्लॉक प्रशासक मोरी बचन सिंह पंवार, और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मंत्री के दौरे को सकारात्मक पहल बताया और विश्वास जताया कि इससे क्षेत्र के किसानों को प्रेरणा मिलेगी।
एग्री-टूरिज्म का दिया सुझाव
गणेश जोशी ने क्षेत्र में एग्री-टूरिज्म को बढ़ावा देने का सुझाव भी दिया। उनका मानना है कि सेब बागानों को पर्यटन से जोड़ा जाए तो इससे युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए द्वार खुल सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता और कृषि की परंपरा को मिलाकर पर्यटन का नया मॉडल बनाया जा सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
कृषकों को दी गई प्रोत्साहन की सलाह
कार्यक्रम के समापन पर मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करें, समय-समय पर विभागीय अधिकारियों से संपर्क में रहें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां तभी सफल होंगी जब किसान सक्रिय रूप से भाग लें और नवाचार को अपनाएं।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का उत्तरकाशी का यह दौरा न केवल एक प्रशासनिक गतिविधि रहा, बल्कि यह किसानों के लिए भरोसा और उत्साह का प्रतीक भी बना। उनकी यात्रा से यह स्पष्ट संदेश गया कि सरकार पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि को लेकर गंभीर है और सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसानों ने भी इस पहल को सराहा और उम्मीद
जताई कि ऐसे संवाद भविष्य में भी जारी रहेंगे।