नई दिल्ली/देहरादून – उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस भेंटवार्ता में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य के समग्र विकास से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की और प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड को लगातार दिए जा रहे सहयोग के लिए गहरा आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है और उत्तराखण्ड भी “विकसित भारत 2047” के संकल्प को साकार करने में अपनी पूरी क्षमता के साथ योगदान देने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को विश्व के 27 देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाना न केवल उनके नेतृत्व की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
सांस्कृतिक धरोहरों को मिला नया आयाम
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े विशेष उपहार भी भेंट किए। इनमें कार्तिक स्वामी मंदिर का वास्तु मॉडल और आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक शामिल थी। इन उपहारों के माध्यम से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन संभावनाओं से अवगत कराया।
इसके अलावा, उन्होंने राज्य के विशिष्ट पारंपरिक उत्पाद भी प्रधानमंत्री को भेंट स्वरूप दिए, जिनमें धारचूला का प्रसिद्ध कनार घी, पुरोला का लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और शुद्ध स्थानीय शहद प्रमुख रूप से शामिल थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन उत्पादों को वैश्विक बाजारों में पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
गंगा कॉरिडोर और कॉरिडोर परियोजनाओं पर विशेष अनुरोध
भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने केदारनाथ और बदरीनाथ धामों के अवस्थापना विकास में सहयोग किया है, उसी तर्ज पर हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा कॉरिडोर तथा चंपावत में शारदा कॉरिडोर के लिए भी एक मास्टर प्लान के तहत सीएसआर फंडिंग के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। राज्य सरकार चाहती है कि इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो ताकि इनका विकास भव्यता और समर्पण के साथ हो सके।
औद्योगिक और बुनियादी ढांचे को गति देने की मांग
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड के औद्योगिक विकास से जुड़े कई प्रस्ताव प्रधानमंत्री के समक्ष रखे। उन्होंने ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि यदि इस स्थान को सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए तैयार किया जाए, तो इससे उत्तराखण्ड देश के तकनीकी नक्शे पर एक नई पहचान बना सकता है और युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
साथ ही उन्होंने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को हरिद्वार तक विस्तार देने की मांग की। इससे न केवल तीर्थ यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, बल्कि दिल्ली-हरिद्वार मार्ग पर आवागमन की सुगमता और तेज़ी भी आएगी।
रेल परियोजनाओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल मार्ग निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देते हुए गति प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह रेल परियोजनाएं पहाड़ी क्षेत्रों के समावेशी विकास और संपर्क व्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक होंगी।
नंदा राजजात यात्रा में प्रधानमंत्री को आमंत्रण
मुख्यमंत्री धामी ने वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी और उन्हें इस पर्वतीय धार्मिक महाकुंभ में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक आत्मा को अभिव्यक्त करती है और इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि यात्रा के दौरान अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 400 करोड़ रुपये की विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाए, जिससे यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाया जा सके।
राज्य के विकास हेतु प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन आवश्यक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह मुलाकात राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। यह भेंट न केवल राज्य के लिए आवश्यक केंद्रीय सहायता सुनिश्चित करने की पहल है, बल्कि यह प्रधानमंत्री से राज्य को निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड आने वाले वर्षों में एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और आधुनिक राज्य
के रूप में उभर कर सामने आएगा।