उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन के दौरे के बाद रविवार को लखनऊ लौट गए। वह अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए अपने गांव पंचूर आए थे। हर बार जब वह घर से लौटते थे, तो उनकी मां सावित्री देवी उन्हें अपने हाथों से दही-शक्कर खिलाकर विदा करती थीं। लेकिन इस बार उनकी मां बहुत बुजुर्ग और असमर्थ होने के कारण ऐसा नहीं कर पाईं। इसलिए उनकी बहनों ने यह रसम निभाई और दही-शक्कर खिलाकर भाई को विदा किया।
योगी आदित्यनाथ छह फरवरी को अपने गांव पहुंचे थे और तीन दिन तक यहां कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय बिथ्याणी में 100 फीट ऊंचे तिरंगे का उद्घाटन किया। इसके अलावा, वह कृषि विभाग के कार्यक्रम में भी गए और गढ़खाल स्थित मंदिर में गढ़वासनी देवी व वनवासी श्रीराम की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लिया। उन्होंने क्षेत्र के चार स्कूलों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया।
रविवार को योगी ने कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया और परिवार के साथ ही समय बिताया। उन्होंने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया और घर में परिजनों के साथ कुछ समय बिताने के बाद 10:30 बजे अपने गांव से विदा ली। उन्होंने बिथ्याणी महाविद्यालय परिसर में गुरु अवैद्यनाथ की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और फिर हेलिकॉप्टर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट रवाना हो गए।
विदाई के समय स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट भी वहां मौजूद थीं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खोलने और अन्य स्कूलों की स्थिति सुधारने पर चर्चा की। साथ ही, गांवों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए भी बातचीत की
गई।