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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उनके बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है। हालांकि, उन्होंने खुद सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उनके कहे गए शब्दों का गलत मतलब निकाला गया है।

 

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “मेरे बयान के आगे-पीछे के हिस्से को हटा दिया गया और केवल एक कहावत को मुद्दा बना दिया गया। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मेरे लिए सभी अधिकारी समान हैं। वे सभी मेरे अपने हैं और मुझे प्रिय हैं।”

 

यह विवाद तब शुरू हुआ जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह एक कहावत का जिक्र करते नजर आए। इस वीडियो को लेकर कई लोगों ने विरोध जताया और इसे गलत संदर्भ में लिया। इस पर सफाई देते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनकी बातों को सही तरीके से नहीं दिखाया गया और इसे बेवजह विवाद का रूप दे दिया गया।

 

उनके इस बयान पर राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे गलत बयानबाजी कह रहे हैं, तो कुछ उनके समर्थन में भी सामने आए हैं। हालांकि, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और उन्होंने बस एक पुरानी कहावत का जिक्र किया था, जिसे गलत तरीके से पेश कर दिया गया।

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