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देश के विभिन्न राज्यों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम और प्रभावी प्रबंधन के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त रखने और संक्रमण पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की गई।

 

बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि प्रदेश के सभी कोविड जांच केंद्रों पर रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीआर जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि कोविड जैसे लक्षण दिखने वाले प्रत्येक मरीज की तुरंत जांच हो सके। राज्य सरकार ने साफ किया है कि किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों को पूरी तरह से तैयार रहना होगा।

 

बैठक में स्वास्थ्य सचिव के साथ महानिदेशक चिकित्सा डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह, सीएमओ देहरादून डॉ. मनोज शर्मा और दून मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. आर.एस. बिष्ट भी मौजूद थे।

 

कोविड जांच होगी अनिवार्य

 

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कोविड जैसे लक्षण दिखने वाले सभी मरीजों की रैपिड और आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य रूप से की जाए। इस दिशा में सरकारी और निजी अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी जांच रिपोर्ट को इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल (IHIP) पर अपलोड किया जाए ताकि राज्य और केंद्र स्तर पर संक्रमण की सटीक निगरानी की जा सके।

 

अस्पतालों को किया गया सतर्क

 

स्वास्थ्य सचिव ने सभी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और राजकीय मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड के उपचार के लिए आवश्यक संसाधनों जैसे आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बाइपैप मशीन, वेंटिलेटर, ICU बेड, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोविड नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसीलिए सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया जरूरी है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि निगरानी प्रणाली को मजबूत करें और जमीनी स्तर तक सतर्कता बनाए रखें।

 

इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण वालों की निगरानी भी जरूरी

 

कोविड के अलावा इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों पर भी विशेष निगरानी की जा रही है। अस्पतालों में आने वाले ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है कि यदि किसी मरीज में कोविड या उससे मिलते-जुलते लक्षण पाए जाते हैं, तो उसे तुरंत आइसोलेट कर उचित इलाज दिया जा सके।

 

स्वास्थ्य सचिव का संदेश: “घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें”

 

डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रकार की स्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। आम जनता को सलाह दी गई है कि वे कोविड से जुड़ी सावधानियों जैसे कि भीड़भाड़ से बचना, मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना न भूलें।

 

उन्होंने कहा कि यह समय जिम्मेदारी से काम लेने का है। सरकार ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन आम जनता का सहयोग भी उतना ही जरूरी है।

 

निष्कर्ष

 

उत्तराखंड सरकार की यह सक्रियता दर्शाती है कि कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए राज्य कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। सरकार द्वारा समय रहते उठाए गए ये कदम न केवल संक्रमण की संभावित लहर को रोक सकते हैं, बल्कि लोगों के मन में विश्वास और सुरक्षा की भावना भी जगा सकते हैं। ऐसे में हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करे और अपने साथ-साथ समाज की भी सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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