निकोसिया/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ऐतिहासिक साइप्रस दौरे के दौरान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारिओस III’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 15 जून 2025 को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। सम्मान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स द्वारा प्रदान किया गया। यह अवसर दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों और परस्पर सहयोग की भावना का प्रतीक बना।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को भारत और साइप्रस के मजबूत रिश्तों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं, बल्कि 135 करोड़ भारतीय नागरिकों का है। प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा,
“साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान पाकर अभिभूत हूं। यह सम्मान मैं भारत और साइप्रस की मित्रता को समर्पित करता हूं।”
भारत-साइप्रस मित्रता का प्रतीक
सम्मान ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भारत और साइप्रस के संबंध केवल कूटनीतिक नहीं हैं, बल्कि गहरी मित्रता और साझेदारी पर आधारित हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में दोनों देश विकास, तकनीक, शिक्षा, ऊर्जा और वैश्विक शांति जैसे क्षेत्रों में एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।
पीएम मोदी ने कहा,
“मैं इस सम्मान को अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं। यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। भारत और साइप्रस की साझेदारी आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छुएगी।”
राष्ट्रपति भवन में हुआ भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के साइप्रस पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक सम्मान के साथ उन्हें रिसीव किया गया और इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए। स्वागत समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में व्यापार, रक्षा, डिजिटल साझेदारी, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।
यह दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने साइप्रस की यात्रा की है। यह न केवल दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों को बल देता है, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को भी नई ऊर्जा प्रदान करता है।
साझा हितों पर हुई विस्तृत चर्चा
बैठक में दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने, संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की आवश्यकता और वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए समर्थन बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। साइप्रस ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव की सराहना की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीद को समर्थन दिया।
इसके साथ ही, दोनों देशों ने कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए, जिनमें साइबर सुरक्षा, वित्तीय सेवाएं और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस सहयोग से दोनों देशों के युवाओं को रोजगार, शोध और नवाचार के नए अवसर मिलेंगे।
विदेश यात्रा का अगला पड़ाव: कनाडा और क्रोएशिया
साइप्रस में कार्यक्रमों को संपन्न करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के लिए रवाना होंगे, जहां वे जी-7 सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं का एक अहम मंच है, जिसमें जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
कनाडा के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा का अगला चरण होगा क्रोएशिया, जहां वे वहां की सरकार के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। इस चरण में भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार, पर्यटन, रक्षा, और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह तीन देशों की यात्रा 15 से 19 जून तक चलेगी, जिसमें वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। यह दौरा भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना भारत के लिए गौरव का विषय है। यह सम्मान केवल एक राजनयिक संकेत नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक मंचों पर कितनी तेजी से उभरता हुआ नेतृत्वकर्ता बन चुका है। भारत और साइप्रस के रिश्ते अब एक नई दिशा में बढ़ रहे हैं, जो वैश्विक शांति और समृद्धि में साझा योगदान के लिए प्रेरणा देंगे।