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देहरादून के गांधी रोड क्षेत्र में एक बड़े धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां एक कारोबारी से दुकान बेचने के नाम पर करीब 1.30 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पीड़ित कारोबारी मुजतबा जौहर ने बताया कि उन्होंने व्यवसाय शुरू करने के लिए एक दुकान खरीदने का मन बनाया था, और इसी दौरान उनकी मुलाकात अहसान कुरैशी नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसने गांधी रोड पर स्थित एक दुकान बेचने की बात कही।

 

अक्टूबर 2024 में दोनों के बीच बातचीत के बाद दुकान का सौदा 1.30 करोड़ रुपये में तय हुआ। शुरुआती तौर पर, मुजतबा ने 15 लाख रुपये एडवांस में दिए और यह तय हुआ कि दुकान की रजिस्ट्री फरवरी 2025 तक कर दी जाएगी। मगर जब तक बैंक से लोन मंजूर नहीं हुआ, तब तक रजिस्ट्री नहीं करवाई जा सकी।

 

इस स्थिति को देखते हुए दोनों पक्षों की आपसी सहमति से रजिस्ट्री की अंतिम तिथि को 6 महीने के लिए आगे बढ़ाकर सितंबर 2025 कर दिया गया।

 

लेकिन मार्च 2025 में मामला अचानक बदल गया। कुरैशी ने मुजतबा से संपर्क कर बताया कि उसने इंडियन ओवरसीज बैंक से लोन ले रखा है और मार्च क्लोजिंग के चलते बैंक उस पर लोन चुकाने का दबाव बना रहा है। उसने यह भी चेतावनी दी कि अगर उसे जल्द 1.15 करोड़ रुपये नहीं मिले, तो वह दुकान किसी और को बेच देगा।

 

कुरैशी की बातों पर विश्वास कर, मुजतबा जौहर ने 29 मार्च 2025 को 1.15 करोड़ रुपये और दे दिए, ताकि रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जा सके। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह उनके लिए चौंकाने वाला था।

 

अप्रैल 2025 में जब मुजतबा दुकान को देखने पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि उस जगह पर ‘दून बाइक’ नामक व्यवसाय पहले से चल रहा है और वह किसी और व्यक्ति के द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह देखकर उन्हें शक हुआ कि कहीं उनके साथ धोखा तो नहीं हो रहा है।

 

जब उन्होंने कुरैशी से रजिस्ट्री की बात दोबारा की, तो उसने कहा कि अब रजिस्ट्री के लिए और 25 लाख रुपये देने होंगे। इस पर मुजतबा को यकीन हो गया कि उनके साथ बड़ा धोखा हुआ है और उनकी जमा पूंजी हड़पी जा रही है।

 

इसके बाद मुजतबा ने शहर कोतवाली में पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए कोतवाली पुलिस ने अहसान कुरैशी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।

 

कोतवाल प्रदीप पंत ने जानकारी दी कि आरोपी कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है।

 

इस मामले ने देहरादून के कारोबारी वर्ग में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह घटना दिखाती है कि कैसे दस्तावेजों की पक्की जांच के बिना बड़े सौदों में धोखा हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि यदि मुजतबा ने पहले से दुकान के स्वामित्व और लोन स्थिति की जांच करवाई होती, तो शायद यह ठगी रोकी जा सकती थी।

 

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या दुकान पर व्यवसाय चला रहे अन्य व्यक्ति को इस सौदे की जानकारी थी या नहीं। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कहीं आरोपी ने इसी तरह अन्य लोगों के साथ भी ठगी तो नहीं की है।

 

फिलहाल, पुलिस ने पीड़ित से सभी जरूरी दस्तावेज मांगे हैं, जिनमें भुगतान की रसीदें, बातचीत के सबूत और अन्य कागजात शामिल हैं। पुलिस की एक टीम आरोपी की पृष्ठभूमि और बैंक रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है।

 

देहरादून में इस प्रकार की ठगी के मामलों में पिछले कुछ समय से बढ़ोतरी हुई है, जिससे साफ है कि रियल एस्टेट और संपत्ति सौदों में सावधानी बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बड़ी डील में आगे बढ़ने से पहले लीगल वेरिफिकेशन, प्रॉपर्टी सर्वे और बैंक क्लीयरेंस जैसे कदम उठाने बेहद जरूरी हैं।

 

पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि किसी को अहसान कुरैशी से जुड़ी अन्य जानकारी है या वे खुद भी इस तरह के किसी धोखे का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

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