मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीक, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। उनका कहना है कि इससे स्थानीय प्रशासन को पारदर्शिता और कार्यकुशलता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना को साकार करने के लिए गांवों के स्तर पर ठोस योजना और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता बताई। उन्होंने राज्य में एकीकृत पंचायत भवनों के निर्माण के निर्देश भी दिए, जहां ग्रामीणों को कई सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी।
ग्राम विकास को गति देने के लिए उन्होंने पंचायत बजट की बेहतर योजना, संतुलित विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के शहरीकरण का दीर्घकालिक आकलन करने पर ज़ोर दिया।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस को ग्रामोत्सव के रूप में मनाया जाए। इसके लिए स्थानीय स्तर पर वार्षिक कैलेंडर बनाया जाए और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ इसे उत्सव का रूप दिया जाए।
पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने, कार्यों के ऑडिट और सार्वजनिक पोर्टल पर जानकारी साझा करने की भी बात कही गई। साथ ही, हर पंचायत में शिकायत निवारण प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे, जिनमें उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव मीनाक्षी सुंदरम, चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव बंशीधर तिवारी और पंचायतीराज निदेशक निधि यादव प्रमुख हैं।