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उत्तराखंड के बेरीनाग में एक निजी घर में अवैध रूप से संचालित की जा रही मस्जिद के खिलाफ स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए धरना दिया और जुलूस निकाला। प्रशासन ने इस मसले पर सतर्कता बरती और निषेधाज्ञा लागू की, जिससे किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी।

 

प्रदर्शन और प्रशासन का रुख

गणेश चौक पर संघ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने अवैध मस्जिद को नहीं हटाया, तो वे खुद इस पर कार्रवाई करेंगे। पुलिस ने हालात को नियंत्रण में रखते हुए बेरीनाग नगर क्षेत्र में धारा 144 लागू की। सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार की शाम से जिले के सभी थानों की पुलिस को तैनात कर दिया गया और फ्लैग मार्च निकाला गया।

शनिवार की सुबह आरएसएस के जिला अध्यक्ष हिमांशु जोशी के नेतृत्व में संघ कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में समर्थन जुटाया और सड़कों पर उतरे। बेरीनाग और आसपास के गांवों से भी लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। गणेश चौक पर सभा के बाद जुलूस तहसील कार्यालय की ओर बढ़ा और जीआईसी मैदान में रैली आयोजित की गई।

 

संघर्ष को अस्तित्व की लड़ाई का नाम

प्रदर्शनकारियों ने इसे अपने “अस्तित्व की लड़ाई” बताया और कहा कि देवभूमि में किसी भी तरह की अनुचित गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अध्यक्ष हिमांशु जोशी ने कहा कि देवभूमि की पवित्रता की रक्षा करना सबसे पहले जनता का कर्तव्य है, फिर प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है।

 

प्रशासन से कार्यवाही की मांग

प्रदर्शन के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं ने मकान में संचालित मस्जिद को तुरंत सील करने की मांग की। उन्होंने कहा कि लंबे समय से प्रशासन को अवैध मस्जिद हटाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने इस मांग को नजरअंदाज किया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे अपने स्तर पर कदम उठाएंगे।

 

प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रदर्शन के दौरान एसडीएम गंगोलीहाट यशवीर सिंह, तहसीलदार राजेंद्र सिंह, और पुलिस अधिकारी तैनात रहे। एसडीएम बेरीनाग श्रेष्ठ गुनसोला ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि मकान मालिक को नोटिस जारी किया जाएगा और आगे आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इस आश्वासन पर प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त किया गया।

 

संघर्ष में शामिल प्रमुख चेहरे

इस विरोध प्रदर्शन में आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता विनोद शुक्ला, महंत विजयगिरी, भूपेंद्र पाठक, दिनेश पंत, महेश बिष्ट, विजय और अमित गोस्वामी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।

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