उत्तराखंड के युवाओं के लिए जर्मनी में करियर और उच्च शिक्षा के नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। दून विश्वविद्यालय के छात्रों को जर्मनी में पढ़ाई का मौका मिलेगा और साथ ही 10 मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल का दौरा
जर्मनी से आए प्रतिनिधिमंडल ने सहसपुर (सेलाकुई) स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और दून विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम में शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान इनोवेशन हब राइन माइन जर्मनी के सीईओ स्टीफन विट्टेकिंड और राउनहाइम के मेयर डेविड रेंडल भी मौजूद रहे।
प्रशिक्षण और वजीफा
प्रतिनिधियों ने बताया कि इच्छुक युवाओं को जर्मन भाषा का ज्ञान हासिल करना होगा। प्रशिक्षण अवधि के दौरान छात्रों को हर महीने 600 से 1000 यूरो तक वजीफा मिलेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जर्मनी की कंपनियों में नौकरी मिलने पर यह आय 1500 यूरो या उससे अधिक हो सकती है।
स्वास्थ्य और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अवसर
स्टीफन विट्टेकिंड के अनुसार जर्मनी में नर्सिंग, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में भारतीय युवाओं के लिए काफी अवसर मौजूद हैं। उन्होंने उत्तराखंड में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की और कहा कि यहां के युवा जर्मनी की औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
“गेटवे टू जर्मनी” कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल ने दून विश्वविद्यालय में आयोजित “गेटवे टू जर्मनी – ब्रिजिंग स्किल गैप्स, बिल्डिंग फ्यूचर्स” कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां छात्रों को वैश्विक स्तर पर रोजगार और कौशल विकास से जुड़ी जानकारी दी गई।
भाषा दक्षता की अहमियत
कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बनाने के लिए भाषा में दक्षता जरूरी है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार जल्द ही जर्मनी के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी, जिससे तकनीकी और कौशल विकास के क्षेत्र में लंबे समय तक सहयोग मिल सकेगा।
भारत-जर्मनी संबंध मजबूत होंगे
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यह पहल न केवल उत्तराखंड के युवाओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाएगी बल्कि भारत और जर्मनी के रिश्तों को भी और मजबूती देगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के 10 छात्रों को जर्मनी में छात्रवृत्ति मिलना गर्व की बात बताया।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर जर्मनी के विदेशी निवेश प्रकोष्ठ के सलाहकार सौरभ भगत, कौशल विकास एवं रोजगार सचिव सी. रवि शंकर और उच्च शिक्षा सचिव रंजीत
कुमार सिन्हा भी शामिल हुए।