Emergency landing :उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बड़ासू क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भर चुका एक हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते अचानक हवा में डगमगाने लगा और उसे आपात स्थिति में सड़क पर उतारना पड़ा। इस घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हेलिकॉप्टर में सवार यात्रियों और स्थानीय लोगों की जान कुछ पलों के लिए सांसत में आ गई थी।
यह हेलिकॉप्टर क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का बताया जा रहा है, जिसने बड़ासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरते ही कुछ तकनीकी गड़बड़ी सामने आई, जिससे पायलट को आनन-फानन में आपातकालीन लैंडिंग का निर्णय लेना पड़ा। बड़ी सूझबूझ और साहस के साथ पायलट ने हेलिकॉप्टर को नजदीकी सड़क पर सुरक्षित उतार दिया। यह घटना एक बड़ा हादसा बन सकती थी, लेकिन पायलट की तत्परता और कुशलता से सभी की जान बच गई।
सभी यात्री सुरक्षित, सह-पायलट को मामूली चोट
हेलिकॉप्टर में कुल पांच श्रद्धालु यात्री, एक पायलट और एक सह-पायलट सवार थे। आपातकालीन लैंडिंग के दौरान सह-पायलट को मामूली चोट आई है, जिसे प्राथमिक चिकित्सा के बाद सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। बाकी सभी यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें प्रशासन की मदद से सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।
जैसे ही घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को मिली, पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर तुरंत पहुंच गई। राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू किया गया और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। हेलिकॉप्टर की स्थिति का जायजा लेकर तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है।
यूकाडा की सीईओ ने दी जानकारी
यूकेएडीए (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सोनिका ने इस घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि क्रिस्टल एविएशन का हेलिकॉप्टर सिरसी से यात्रियों को लेकर केदारनाथ की ओर रवाना हुआ था। लेकिन उड़ान के तुरंत बाद ही पायलट को हेलिकॉप्टर में तकनीकी खामी का अंदेशा हुआ, इसलिए एहतियातन हेलीपैड से इतर सड़क पर लैंडिंग की गई।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना में कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) को घटना की पूरी जानकारी भेज दी गई है। साथ ही अन्य हेलिकॉप्टर ऑपरेशनों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। बाकी सभी शटल सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर संचालन में तकनीकी खामी या दुर्घटना हुई हो। पिछले महीने ही केदारनाथ में लैंडिंग के दौरान एक हेली एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह एंबुलेंस एम्स ऋषिकेश की थी, जो ऋषिकेश से केदारनाथ जा रही थी। हालांकि उस हादसे में कोई गंभीर हताहत नहीं हुआ था।
लेकिन 8 मई को गंगोत्री धाम की ओर जा रहे एक अन्य हेलिकॉप्टर की दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें पांच महिलाएं शामिल थीं। यह हेलिकॉप्टर गंगनानी क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और बेहद भयावह स्थिति में हेलिकॉप्टर के दो टुकड़े हो गए थे। दो शव हेलिकॉप्टर के मलबे में ही फंसे रह गए थे, जिन्हें बाहर निकालने के लिए हेलिकॉप्टर को काटना पड़ा था। इसके अलावा एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था।
पर्यटन सीजन में बढ़ रहा दबाव
चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं। खासकर केदारनाथ जैसे दुर्गम स्थल के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं बड़ी संख्या में चलाई जाती हैं। हालांकि यह सेवा बुजुर्गों और बीमार यात्रियों के लिए अत्यंत लाभकारी होती है, लेकिन लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों और दुर्घटनाओं ने लोगों के मन में चिंता बढ़ा दी है।
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का मानना है कि इतने अधिक दबाव और भीड़ के चलते इन सेवाओं की सतत निगरानी और नियमित जांच अत्यंत आवश्यक है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि उड़ान भरने से पहले हर हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच की जाए और खराब मौसम में उड़ानों पर सख्त पाबंदी हो।
अधिकारियों ने दिया आश्वासन
प्रशासन और यूकाडा अधिकारियों ने यात्रियों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि हादसे की जांच गंभीरता से की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, जिन कंपनियों के हेलिकॉप्टर बार-बार तकनीकी खराबी का शिकार हो रहे हैं, उनके लाइसें
स की भी समीक्षा की जा सकती है।