सिख श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र हेमकुंड साहिब इस बार भी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार किया जा रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित यह पवित्र स्थल हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, और इस वर्ष की यात्रा की तैयारियाँ लगभग पूर्णता की ओर हैं।
आस्था पथ पर बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा
हेमकुंड साहिब तक जाने वाले आस्था पथ की सफाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। सेना की टीम ने कड़ी मेहनत से लगभग तीन किलोमीटर के मार्ग से बर्फ को पूरी तरह साफ कर दिया है। अब केवल 150 मीटर का हिस्सा बाकी रह गया है, जिस पर काम जारी है। गोविंदघाट स्थित गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि मौसम अनुकूल रहा तो मंगलवार तक पूरा रास्ता श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित बना दिया जाएगा। यह रास्ता बर्फ से ढका होता है और हर वर्ष गर्मियों में श्रद्धालुओं के आने से पहले इसे साफ किया जाता है।
सात कुंतल गेंदे के फूलों से होगी सजावट
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा को इस वर्ष भी विशेष रूप से सजाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, सात कुंतल गेंदे के फूलों से गुरुद्वारे को सजाने की योजना है। ये फूल पहले ही गोविंदघाट पहुंचा दिए गए हैं। इस सुंदर सजावट से गुरुद्वारे का वातावरण और भी भक्तिमय बन जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभूति प्राप्त होगी।
खाद्यान्न की व्यापक व्यवस्था
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट की ओर से गोविंदघाट, ज्योतिर्मठ, घांघरिया और हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारों में भंडारे की पूरी व्यवस्था कर ली गई है। जून माह तक के लिए आवश्यक खाद्यान्न का स्टॉक जमा कर लिया गया है, ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा ना हो। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा पर आते हैं और गुरुद्वारे में उन्हें निःशुल्क भोजन, ठहरने और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। इस बार भी ट्रस्ट ने भंडारों को सुचारु बनाए रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।
हेली सेवा की बुकिंग हुई शुरू
हेमकुंड साहिब यात्रा को और सुविधाजनक बनाने के लिए गोविंदघाट से घांघरिया तक हेली सेवा की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस बार यह सेवा पवन हंस एविएशन के माध्यम से संचालित होगी। यात्रा के पहले चरण के लिए हेली टिकटों की बुकिंग 20 मई से शुरू हो गई है। बुकिंग का समय दोपहर 12 बजे रखा गया था, और पहले ही दिन 415 टिकट बुक हुए।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने 25 मई से 22 जून तक की यात्रा के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग का स्लॉट खोला है। यात्रियों को टिकट IRCTC की वेबसाइट के माध्यम से बुक करने की सुविधा दी गई है। यात्रा के पहले चरण में अभी कई तिथियों के लिए टिकट उपलब्ध हैं, जिससे इच्छुक यात्री बिना किसी जल्दबाज़ी के अपनी योजना बना सकते हैं।
हेली सेवा की लागत और लाभ
इस बार हेली सेवा का प्रति यात्री किराया ₹10,080 तय किया गया है, जिसमें दोनों ओर की यात्रा (गोविंदघाट से घांघरिया और वापसी) शामिल है। यह सेवा विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी है जो लंबा पैदल मार्ग तय नहीं कर सकते या समय की कमी के कारण त्वरित यात्रा करना चाहते हैं। इसके माध्यम से लगभग 5-6 घंटे का पैदल रास्ता मात्र 8-10 मिनट में तय किया जा सकता है।
कपाट खुलने की तिथि तय
हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। हर वर्ष कपाट खुलने से पहले व्यापक तैयारियाँ की जाती हैं, जिसमें रास्तों की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, जलापूर्ति, बिजली और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था शामिल होती है। कपाट बंद होने तक (आमतौर पर अक्टूबर तक) यह यात्रा सिख श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का केंद्र बनी रहती है।
आस्था और प्रकृति का संगम
हेमकुंड साहिब की यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक प्रकृति से जुड़ने का अनुभव भी है। समुद्रतल से लगभग 15,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थल चारों ओर से हिमालय की बर्फीली चोटियों से घिरा है। यहां पहुंचकर श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक शांति महसूस करते हैं, बल्कि उन्हें प्रकृति की अद्भुत छटा का भी अनुभव होता है।
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निष्कर्ष
हेमकुंड साहिब यात्रा 2025 के लिए सभी तैयारियाँ जोरों पर हैं। बर्फ हटाने से लेकर भंडारे और हेली सेवा तक, हर पहलू पर गहन कार्य किया गया है। श्रद्धालु अब बेसब्री से 25 मई का इंतज़ार कर रहे हैं, जब कपाट खुलने के साथ ही आस्था की यह यात्रा एक बार फिर आरंभ होगी। चाहे पैदल यात्रा हो या हेली सेवा, यह यात्रा हर किसी के
लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाती है।