उत्तराखंड के कोटद्वार क्षेत्र में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। बीरोंखाल क्षेत्र में जयपुर से आ रही एक कार सड़क पर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, जिससे मौके पर ही एक आठ वर्षीय मासूम की मौत हो गई, जबकि छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह परिवार दिल्ली से रसिया महादेव गांव के नऊ नामक स्थान में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहा था।
हादसा कैसे हुआ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार में सवार सभी लोग दिल्ली निवासी थे जो जयपुर से आकर उत्तराखंड के ग्राम नऊ जा रहे थे। ग्राम नऊ रसिया महादेव क्षेत्र में स्थित है। गांव से कुछ ही दूरी पहले उनकी कार अचानक नियंत्रण से बाहर हो गई और ऊपर की सड़क से लुढ़कते हुए नीचे की सड़क पर जा गिरी। बताया जा रहा है कि सड़क संकरी और घुमावदार थी, जिससे ड्राइवर कार को संभाल नहीं पाया।
स्थानीय लोगों की तत्परता
हादसे की तेज आवाज सुनकर नजदीकी बाजार में मौजूद लोग तुरंत मौके की ओर दौड़े। रसिया महादेव बाजार के नागरिकों ने बिना समय गंवाए दुर्घटनाग्रस्त वाहन तक पहुंचकर घायलों को बाहर निकाला और प्राथमिक सहायता देने की कोशिश की। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए घायलों को निजी वाहनों और एंबुलेंस की मदद से रामनगर के अस्पताल भिजवाया।
आठ साल के अभि की मौके पर मौत
दुर्भाग्यवश, कार में सवार आठ वर्षीय बालक अभि पुत्र आशीष गुसाईं की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मासूम की असमय मृत्यु से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अभि की मौत से न केवल परिजन बल्कि गांव और बाजार के लोग भी स्तब्ध रह गए। यह हादसा एक खुशियों भरे अवसर को मातम में बदल गया।
घायलों की पहचान
इस दर्दनाक हादसे में छह लोग घायल हुए हैं। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों की पहचान इस प्रकार की गई है:
आशीष गुसाईं (36 वर्ष) – मृतक अभि के पिता
मीनाक्षी देवी (34 वर्ष) – आशीष गुसाईं की पत्नी
अंशिका (20 वर्ष) – दान सिंह की पुत्री
रूची देवी (32 वर्ष) – संदीप पटवाल की पत्नी
रूही (12 वर्ष) – संदीप पटवाल की पुत्री
एक अन्य घायल – जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है
सभी घायलों को तुरंत इलाज के लिए रामनगर स्थित अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु हायर सेंटर रेफर भी किया जा सकता है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि सड़क पर सुरक्षा रेलिंग नहीं थी और साथ ही वह हिस्सा बहुत सकरा था, जिससे वाहन के फिसलने की संभावना अधिक थी।
पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती
यह हादसा एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में सड़क सुरक्षा कितनी बड़ी चुनौती बनी हुई है। हर साल दर्जनों हादसे केवल इसी वजह से होते हैं कि या तो सड़कें तंग होती हैं, या उनमें आवश्यक सुरक्षा इंतजाम नहीं होते।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को इस मार्ग पर कई बार सुरक्षा रेलिंग लगाने की मांग की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद एक बार फिर लोगों में रोष है और वे संबंधित विभाग से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एक समारोह, एक सदमा
जिस समारोह में खुशियां बांटने के इरादे से परिवार निकल पड़ा था, वहां अब मातम पसरा है। गांव के लोग भी इस घटना से बेहद दुखी हैं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है, वहीं अभि की असमय मौत ने सभी की आंखें नम कर दी हैं।