इगास-बग्वाल: उत्तराखंड के लोकपर्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तराखंड के पारंपरिक पर्व इगास-बग्वाल में हिस्सा लिया। यह पर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी के दिल्ली स्थित आवास पर मनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस अवसर पर योगगुरु बाबा रामदेव, परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, और अन्य प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। पीएम मोदी ने गौ-पूजा की और पवित्र अग्नि प्रज्वलित की।
पारंपरिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास
प्रधानमंत्री ने सांसद अनिल बलूनी की पहल की सराहना की, जिसमें उन्होंने इस लगभग भुला दिए गए पर्व को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। बलूनी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की प्रेरणा से इस पर्व को जीवंत बनाने की शुरुआत की थी। करीब पांच वर्षों के निरंतर प्रयासों के बाद, अब यह पर्व उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर में मनाया जाने लगा है। राज्य सरकार ने भी इस पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर इसे मान्यता दी है।
इगास का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
इगास-बग्वाल का पर्व दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। इसके पीछे दो प्रमुख मान्यताएं हैं। पहली मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या पहुंचे, तो गढ़वाल क्षेत्र में उनके आगमन की खबर कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली, और इसी खुशी में क्षेत्र के लोगों ने दीये जलाए। दूसरी मान्यता यह है कि गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी की सेना तिब्बत युद्ध से दिवाली के 11 दिन बाद लौटकर गढ़वाल पहुंची, और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया गया।
पीएम मोदी का संदेश और सोशल मीडिया पर साझा की तस्वीरें
प्रधानमंत्री ने इगास पर्व की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उत्तराखंड और देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने लिखा कि इस लोकपर्व का पुनर्जीवन हमारे विकास और सांस्कृतिक विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रतीक है। पीएम ने यह भी कहा कि उत्तराखंडवासियों ने इगास की परंपरा को जिस जोश के साथ जीवंत रखा है, वह प्रेरणादायक है और यह पर्व आने वाले समय में और व्यापक रूप से मनाया जाएगा।