उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश अब परेशानी का कारण बनती जा रही है। खासकर मसूरी और देहरादून जैसे पर्यटन स्थलों पर इसका असर साफ देखा जा सकता है। मंगलवार को इन दोनों स्थानों पर अलग-अलग क्षेत्रों में पेड़ गिरने की घटनाओं ने न सिर्फ जनजीवन को प्रभावित किया बल्कि कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। एक व्यक्ति घायल हुआ है, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मसूरी: पुराने टिहरी बस स्टैंड के पास बड़ा पेड़ गिरा, यातायात बाधित
मसूरी-धनोल्टी मार्ग पर स्थित पुराने टिहरी बस स्टैंड के समीप मंगलवार को बारिश के कारण एक बड़ा पुराना बांज का पेड़ अचानक सड़क पर गिर गया। यह पेड़ सड़क के किनारे खड़े दो चारपहिया वाहनों पर आ गिरा, जिससे दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
घटना के बाद सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात कुछ समय के लिए पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। वहां से गुजर रहे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सूचना मिलते ही मसूरी की फायर सर्विस और पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया गया और पेड़ को हटाने के लिए मशीनरी लगाई गई। कुछ ही देर में सड़क को साफ कर दिया गया और यातायात को सामान्य बना दिया गया।
हालांकि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन वाहन मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान जरूर उठाना पड़ा है।
देहरादून: टपकेश्वर चौक पर पीपल का पेड़ गिरा, एक घायल
एक दूसरी गंभीर घटना देहरादून के टपकेश्वर चौक क्षेत्र में सामने आई, जहां एक पुराना और विशाल पीपल का पेड़ अचानक टूटकर गिर गया। यह पेड़ एक मकान के पास स्थित था, और उसका एक बड़ा हिस्सा मकान की छत पर जाकर अटक गया। मकान को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है, लेकिन गनीमत रही कि पूरा पेड़ नहीं गिरा, वरना स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
पेड़ का कुछ हिस्सा नीचे गिरकर सड़क पर खड़ी दो कारों और कुछ दुपहिया वाहनों पर गिरा, जिससे वे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। उस समय एक कार में बैठा व्यक्ति घायल हो गया, जिसे मौके से निकालकर तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के समय टपकेश्वर मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ थी। कई लोग दर्शन करके लौट रहे थे, और अगर यह घटना कुछ मिनट पहले होती, तो जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था।
फायर ब्रिगेड और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर पेड़ को हटाया और स्थिति पर काबू पाया। कैंट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केसी भट्ट ने बताया कि हादसे में एक व्यक्ति घायल हुआ है और कई वाहन व एक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। स्थिति अब सामान्य है और यातायात सुचारू कर दिया गया है।
प्रशासन ने की अपील: सतर्क रहें, पेड़ों से दूर रहें
बारिश के इस मौसम में लगातार हो रहे हादसे यह साफ संकेत दे रहे हैं कि पुराने और कमजोर पेड़ों का गिरना अब एक गंभीर खतरा बन चुका है। खासकर जिन इलाकों में भारी पेड़ हैं और आस-पास मकान, दुकान या वाहन खड़े रहते हैं — वहां जोखिम और भी बढ़ जाता है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि बारिश के समय अनावश्यक रूप से पेड़ों के नीचे खड़े न हों, वाहन सावधानी से पार्क करें, और पेड़ की स्थिति पर ध्यान दें। साथ ही, नगर निकायों को भी निर्देशित किया गया है कि वे कमजोर या ढल चुके पेड़ों की समय पर छंटाई करें या उन्हें हटाने की प्रक्रिया तेज करें, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में इन दिनों हो रही भारी बारिश केवल सामान्य मौसम बदलाव नहीं रह गया है, बल्कि इससे जानमाल का खतरा भी पैदा हो गया है। मसूरी और देहरादून में हुई ये दो घटनाएं बताती हैं कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केवल अलर्ट जारी करना काफी नहीं, ज़रूरी है ज़मीन पर भी तैयारी और सतर्कता।
स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय रही, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए हर स्तर पर सावधा
नी और सक्रियता की ज़रूरत है।