देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने पंचायत चुनाव से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर किसी व्यक्ति की पहली संतान के बाद दूसरी संतान जुड़वां जन्म लेती है, तो उसे केवल दो संतान वाला माना जाएगा और वह पंचायत चुनाव लड़ने के योग्य रहेगा।
इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि 25 जुलाई 2019 से पहले जिनके दो से अधिक बच्चे थे, वे भी चुनाव लड़ सकेंगे। दरअसल, राज्य में पंचायत चुनाव के लिए यह शर्त थी कि उम्मीदवार के अधिकतम दो ही बच्चे होने चाहिए। इस नियम में बदलाव पहले अध्यादेश के रूप में किया गया था और अब इसे विधेयक के तौर पर विधानसभा में पेश किया गया है।
ओबीसी आरक्षण पर रिपोर्ट मंज़ूर
पंचायतों में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए बनाई गई आयोग की रिपोर्ट को भी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इससे संबंधित अध्यादेश को अब पंचायती राज अधिनियम संशोधन विधेयक के रूप में सदन में रखा गया।
बीकेटीसी में दो उपाध्यक्ष पद
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में भी संशोधन किया गया है। पहले जारी अध्यादेश के तहत समिति में एक अतिरिक्त उपाध्यक्ष का पद बनाया गया था। अब इस संशोधन के बाद समिति में कुल दो उपाध्यक्ष होंगे।
साक्षी संरक्षण विधेयक
इसके साथ ही सरकार ने उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक भी विधानसभा में रखा। भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद पुराने कानून को हटाकर उसकी जगह नई साक्षी संरक्षण योजना लागू
की जाएगी।