Kanwar Yatra : देहरादून। उत्तराखंड में आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह की अव्यवस्था या उपद्रव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए सरकार यात्रा के सफल आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी भी स्थिति में नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।
हथियार और नशीले पदार्थों पर पूरी तरह रोक
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी श्रद्धालु लाठी, डंडे, नुकीली वस्तुएं या हथियार न ले जा सके, इसके लिए सख्ती बरती जाए। साथ ही, इस विषय पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को पहले से जानकारी हो।
इसके साथ ही उन्होंने नशीले पदार्थों, शराब और मांस की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। यात्रा मार्ग पर ऐसा कोई भी सामान बिकता पाया गया तो संबंधित व्यक्ति या दुकानदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यात्रा मार्ग पर विशेष निगरानी और सुरक्षा
सीएम धामी ने कहा कि यात्रा मार्ग पर किसी भी संभावित आतंकी खतरे को ध्यान में रखते हुए एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही हरिद्वार, नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर सभी शिविरों, होटल, धर्मशालाओं और स्वयंसेवकों का पूर्ण सत्यापन किया जाए ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। उन्होंने कहा कि हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को भी पूरी तरह सक्रिय किया जाए।
ट्रैफिक, भीड़ और आपात स्थिति के लिए पुख्ता व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान ट्रैफिक कंट्रोल और भीड़ प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रमुख चौराहों, प्रवेश द्वारों और धार्मिक स्थलों पर एक्स-रे मशीनें, फायर टेंडर, अग्निशमन उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किए जाएं।
यात्रा मार्ग पर एंबुलेंस, मेडिकल टीम और जल पुलिस की तैनाती के साथ ही गोताखोरों को भी अलर्ट मोड में रखा जाए ताकि आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। उन्होंने महिला श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए महिला घाटों, टॉयलेट्स और धर्मशालाओं में विशेष व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
तकनीक के माध्यम से निगरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से यात्रा मार्ग की हर गतिविधि पर नजर रखी जाए। सभी संवेदनशील स्थानों पर कैमरे लगाकर कंट्रोल रूम से निगरानी की व्यवस्था की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर कानून व्यवस्था बनाए रखी जाए।
सोशल मीडिया पर रहेगी पैनी नजर
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी भ्रामक या उकसाऊ पोस्ट को तुरंत खंडित किया जाए और जरूरत पड़े तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय निगरानी टीम बनाई जाए जो किसी भी अफवाह या गलत सूचना पर तुरंत कार्रवाई कर सके। साथ ही, “क्या करें और क्या न करें” से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और डिजिटल बोर्ड्स के माध्यम से लगातार प्रचारित की जाए।
अंतरराज्यीय समन्वय पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा एक विशाल और अंतरराज्यीय आयोजन है, इसलिए पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर समन्वय बनाना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी राज्यों की पुलिस और प्रशासन से संपर्क बनाए रखें ताकि कोई भी चुनौती आने पर तुरंत सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके।
स्वयंसेवकों की भूमिका अहम
धामी ने कहा कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में स्वयंसेवकों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विश्वसनीय स्वयंसेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे सुरक्षा बलों का सहयोग कर सकें।
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निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी, लेकिन नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस बार की कांवड़ यात्रा में सुरक्षा, सं
यम और सेवा – तीनों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।