केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग आज से प्रारंभ हो गई है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज बनाकर भोले-भाले श्रद्धालुओं को ठगने की कोशिश की जा रही है। इस बार पुलिस प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतते हुए साइबर थाना स्तर पर विशेष टीम गठित कर दी है, जो हर वक्त ऑनलाइन ठगी पर नजर रखेगी।
पहले भी हो चुके हैं बड़े फर्जीवाड़े
पिछले वर्ष 2023 में साइबर ठगी के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई थी। केदारनाथ हेली सेवा की आड़ में करीब 85 फर्जी वेबसाइट और 45 से अधिक फेसबुक पेज साइबर पुलिस द्वारा बंद कराए गए थे। वहीं, अलग-अलग थानों में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे। ये सभी घटनाएं यह दिखाती हैं कि ठगों ने कितनी चालाकी से श्रद्धालुओं को निशाना बनाया।
इस बार चार अधिकारियों की टीम तैनात
साइबर थाने में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसका निरीक्षण सीओ साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा कर रहे हैं। यह टीम इंटरनेट पर सक्रिय फर्जी वेबसाइट्स, फेसबुक पेज और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी करेगी। जैसे ही कोई संदिग्ध लिंक या पेज सामने आता है, उसे तत्काल प्रभाव से बंद कराने की कार्यवाही की जाएगी।
केवल एक अधिकृत वेबसाइट से करें बुकिंग
सरकार ने हेली सेवा की बुकिंग का अधिकार केवल IRCTC को सौंपा है। इस वर्ष भी टिकट बुकिंग के लिए केवल एक आधिकारिक वेबसाइट [www.heliyatra.irctc.co.in](http://www.heliyatra.irctc.co.in) ही अधिकृत है। खास बात यह है कि इस साइट पर किसी भी प्रकार का मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं है, जबकि फर्जी साइट्स पर ठग जानबूझकर मोबाइल नंबर डालते हैं ताकि लोग फोन करके जाल में फंस जाएं।
जानिए कैसे करते हैं ठग फर्जीवाड़ा
– फर्जी वेबसाइट्स पर हेली कंपनियों के **लोगो और नाम का दुरुपयोग किया जाता है।
– वेबसाइट की डिजाइन आधिकारिक वेबसाइट जैसी होती है ताकि कोई शक न हो।
– साइट्स पर लोभ देने वाले वादे किए जाते हैं जैसे “एक के साथ एक टिकट फ्री”, या “50% छूट”।
– पेमेंट गेटवे असली साइट से अलग होता है। ठग अपने पर्सनल अकाउंट में पैसे जमा कराते हैं।
– बुकिंग के बाद भी यात्री को कंपनियों की ओर से कोई कन्फर्मेशन नहीं मिलता।
सोशल मीडिया पर भी नजर
फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी फर्जी विज्ञापनों की भरमार रहती है। इस बार साइबर टीम को खास तौर पर सोशल मीडिया की निगरानी करने का आदेश दिया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस की ओर से विशेष ऑनलाइन कैंपेन भी चलाया जाएगा।