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Kedarnath uttrakhand : उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश का प्रभाव अब चारधाम यात्रा पर भी साफ नजर आने लगा है। लगातार हो रही भारी वर्षा ने केदारनाथ धाम जाने वाले मुख्य पैदल मार्ग को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया है।

 

मुख्य समस्या गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोड़ी गधेरे नामक स्थान पर सामने आई, जहां भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बड़े-बड़े पत्थर (बोल्डर) और मलबा मुख्य मार्ग पर आ गिरा। इस घटना के चलते यात्रा पूरी तरह बाधित हो गई है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सोनप्रयाग से ही आगे की यात्रा पर रोक लगा दी है।

 

प्रशासन ने उठाए त्वरित कदम

 

जैसे ही घटना की सूचना मिली, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और डीडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। सभी टीमें वहां यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मार्ग को बहाल करने में जुट गई हैं।

 

इसके साथ ही प्रशासन द्वारा मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। स्थानीय मजदूरों और मशीनों की मदद से रास्ते को जल्दी से जल्दी चालू करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि श्रद्धालु जल्द ही दोबारा यात्रा शुरू कर सकें।

 

छोटे मार्ग अब भी खुले

 

हालांकि, राहत की बात यह है कि कुछ वैकल्पिक मार्गों पर अभी भी आवागमन संभव है। मंकटिया और गौरीकुंड की छोटी पार्किंग के पास स्थित पैदल मार्ग अभी भी आंशिक रूप से खुले हुए हैं, जहां से स्थानीय लोगों और प्रशासन की निगरानी में सीमित संख्या में आवाजाही संभव है।

 

इसके बावजूद, आधिकारिक आदेशों के अनुसार ही आगे बढ़ने की अनुमति है। प्रशासन यात्रियों से लगातार सहयोग और संयम बनाए रखने की अपील कर रहा है।

 

श्रद्धालुओं से अपील

 

प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, और केवल सरकारी सूचना या हेल्पलाइन के माध्यम से मिली जानकारी के आधार पर ही यात्रा की योजना बनाएं।

 

इस अस्थाई व्यवधान का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केदारनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक होती है, और प्रशासन इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

 

मौसम विभाग का अलर्ट जारी

 

इस बीच, मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। ऐसे में यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

 

अधिकांश भूस्खलन की घटनाएं बारिश के दौरान या तुरंत बाद होती हैं, जिससे पहाड़ी मार्गों पर यात्रा और भी जोखिम भरी हो जाती है।

 

चारधाम यात्रा पर लगातार नजर

 

सरकार और प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा पर लगातार नजर रखी जा रही है। केदारनाथ के अलावा, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की स्थिति पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जहां कहीं भी मार्ग बाधित होते हैं, वहां त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

 

सरकारी हेल्पलाइन और अपडेट्स

 

राज्य सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर और आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए नियमित अपडेट देना शुरू कर दिया है। यात्रा में जाने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।

 

 

 

निष्कर्ष:

 

बारिश की वजह से केदारनाथ यात्रा में भले ही अस्थाई रुकावट आई हो, लेकिन प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा के उपाय यह दिखाते हैं कि श्रद्धालुओं की जान और भावनाओं दोनों का पूरा सम्मान किया जा रहा है। बहुत जल्द मार्ग को बहाल करने के प्रयास जारी हैं ताकि बाबा केदारनाथ के द

र्शन पुनः सभी भक्तों के लिए सुगम हो सकें।

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