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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। खासकर कोटद्वार से नजीबाबाद होते हुए दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य राज्यों को जोड़ने वाला मुख्य हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। जगह-जगह सड़कें टूटने और पुल बहने से यातायात बाधित है, जिससे हजारों यात्री फंस गए हैं और घंटों इंतजार की स्थिति बन गई है।

 

हाईवे पर दो स्थानों पर सड़क बह गई

 

कोटद्वार-नजीबाबाद हाईवे, जो दिल्ली, मेरठ, गुरुग्राम, हरियाणा, पंजाब और एनसीआर से उत्तराखंड को जोड़ता है, अब दो स्थानों पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। पहले सुखरो पुल और जाफराबाद पुलिस चौकी के बीच सड़क कट गई थी। अब सोमवार सुबह हालात और गंभीर हो गए, जब नजीबाबाद मार्ग पर खैरा ढाबा के पास एक बरसाती नाले के उफान में निर्माणाधीन पुल के नीचे बना अस्थायी वैकल्पिक रास्ता भी बह गया। इसके बाद पूरे मार्ग पर आवागमन पूरी तरह रुक गया।

 

जाम की लंबी कतारें, वाहन बीच रास्ते में फंसे

 

लगभग पांच से छह किलोमीटर के दायरे में दो अलग-अलग स्थानों पर सड़क ध्वस्त होने से कई वाहन फंसे रह गए। मार्ग बाधित होने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया और जाम कई किलोमीटर तक फैल गया। मौके पर जेसीबी मशीनों के जरिए वैकल्पिक मार्ग बनाने की कोशिश की गई, लेकिन तेज बारिश और बहाव के चलते राहत कार्य सफल नहीं हो सका।

 

रोडवेज सेवा बंद, यात्रियों की परेशानी बढ़ी

 

कोटद्वार से नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़, पटियाला, जयपुर और अमृतसर जैसे शहरों के लिए चलने वाली उत्तराखंड रोडवेज की सभी बसों का संचालन बंद कर दिया गया। सुबह 10:30 बजे के बाद से कोई भी बस अपने गंतव्य के लिए नहीं रवाना हो सकी। बस अड्डे पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और लोग जानकारी के इंतजार में इधर-उधर भटकते नजर आए।

 

हालांकि सुबह तड़के कोटद्वार से दिल्ली के लिए पांच बसें पहले ही रवाना हो चुकी थीं, जिससे कुछ यात्रियों को राहत मिली। डिपो प्रभारी अनुराग पुरोहित खुद मौके पर मौजूद रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे थे और यात्रियों को आवश्यक जानकारी देने का प्रयास कर रहे थे।

 

वैकल्पिक मार्गों से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश

 

प्रशासन और पुलिस ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फंसे हुए यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से भेजने का निर्णय लिया। हरिद्वार और देहरादून की ओर जाने वाले वाहनों को दुगड्डा, यमकेश्वर और लक्ष्मण झूला के रास्ते भेजा गया, जबकि दिल्ली, मेरठ, बिजनौर, एनसीआर, हरियाणा और पंजाब की ओर जाने वाले वाहनों को लालवाला और दिल्ली फार्म मार्ग से डायवर्ट किया गया।

 

भारी वाहनों पर रोक

 

यातायात निरीक्षक संदीप तोमर ने बताया कि फिलहाल रोडवेज बसों समेत सभी भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। केवल हल्के वाहनों को ही सीमित संख्या में वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है। प्रशासन द्वारा ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

 

राहत कार्यों में मुश्किलें, प्रशासन सतर्क

 

मौके पर राहत और बचाव दल के साथ जेसीबी मशीनें तैनात हैं, लेकिन तेज बारिश और नाले के तेज बहाव ने राहत कार्यों में बाधा डाली है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगामी कुछ दिनों तक और अधिक बारिश की संभावना है, जिससे चिंता और बढ़ गई है।

 

प्रशासन की अपील

 

प्रशासन की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और केवल आवश्यक स्थिति में ही बाहर निकलें। स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें और सड़क स्थिति से जुड़े ताजा अपडेट के लिए अधिकृत सूचना स्रोतों पर नजर बनाए रखें।

 

 

 

निष्कर्ष: उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में सड़क संपर्क बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। कोटद्वार-नजीबाबाद मार्ग के बाधित होने से न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे उत्तर भारत में परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन जब तक मौसम में सुधार नहीं होता, तब तक यात्रियों को संयम और सतर्कता के साथ यात्रा करने की आवश्यकता है।

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