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उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि बनबसा में तेंदुए के हमले में बनबसा के आंबेडकर निवासी महिला की मौत हो गई जी हां आपको बता दें कि परिजनों की सूचना पर महिला को 108 वाहन से टनकपुर पहुंचाया गया जहां उसका पोस्ट मार्टम कराया गया। लोगों ने पिछले कई दिनों से बनबसा क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई देने की बात कही है। चार दिन पूर्व एनएचपीसी के एक सीसी टीवी कैमरे में तेंदुए की दस्तक रिकार्ड हुई है।

बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार की सुबह फागपुर निवासी कुछ महिलाएं हुड्डी नदी किनारे जानवरों के लिए चारा आदि लेने गईथी। सुबह करीब नौ बजे मुन्नी देवी (34) पत्नी कैलाश पुरी और उसकी मां कमला देवी पर तेंदुए ने हमला बोल दिया। कमला देवी ने भागकर अपनी जान बचाई। लेकिन तेंदुए के हमले में मुन्नी देवी की मौत हो गई।तेंदुए के हमले से मुन्नी देवी के गले पर गहरा घाव हुआ है। मृतका की मां और भाभी प्रेमा देवी ने बताया कि तेंदुए के साथ उसका बच्चा (शावक) भी था। जिससे हमलावर जानवर का मादिन होने की संभावना जताई जा रही है।

वहीं,घटना स्थल के करीब के जंगल में घंटों तेंदुआ दिखाई देता रहा। उसने एक गाय पर हमले का प्रयास भी किया। जिसे लोग देखते रहे। मौके पर पहुंचे वन दरोगा विनोद कुमार और जीशान अली ने बताया कि घटना स्थल पूर्वी तराई वन प्रभाग खटीमा का छीनी कंपार्टमेंट संख्या छह है। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक जांच बाद ही हमलावर जानवर के तेंदुआ या बाघ होने की पुष्टि हो सकेगी। शारदा बैराज पुलिस चौकी प्रभारी एसआई ललित मोहन पांडेय भी मौके पर अपनी टीम के साथ पहुंचे। तेंदुए के जंगल में स्पष्ट दिखाई देने से वन विभाग, पुलिस टीम और ग्रामीण जंगल गए लोगों और हेलागोठ जाने वालों को सतर्क करते रहे।

आपको बता दें कि जंगली जानवर के हमले में मौत का शिकार हुई महिला अपने दो बच्चों को पढ़ाने को अपने पिता गणेश नाथ (माइके) के साथ रह रही थी। उसके पति कैलाश पुरी रूद्रपुर में काम करते हैं। उनका घर, मकान, जमीन आदि रूद्रपुर में ही है वहीं, लोगों ने बताया कि बनबसा हुड्डीनदी किनारे जंगली जानवर के हमले से हुई यह पहली मौत है। चंदनी निवासी अर्जुन सिंह महर ने यहां पिछले पचास वर्षों में जंगली जानवर के हमले से मौत होने की पहली घटना होना बताया है।

इसी के साथ पूर्व तराई वन प्रभाग खटीमा के रेंजर महेश चंद्र जोशी ने बताया कि जंगली जानवर के हमले से हुई मौत में वन विभाग छह लाख रुपये का मुआवजा परिजनों को देता है। समस्त औपचारिकताएं पूरी करने और विभागीय जांच संपन्न होने के बाद ही विभाग से पैसा स्वीकृत किया जाता है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवर के हमले में घायल व्यक्ति के इलाज को फौरी तौर पर आर्थिक मदद दी जाती है।

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