उत्तराखंड में तेजी से सामने आए LUCC चिट फंड घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई करेगी। राज्य सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंजूरी दे दी है।
इस मामले में उत्तराखंड के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पौड़ी सांसद अनिल बलूनी, टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और नैनीताल सांसद अजय भट्ट इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
अनिल बलूनी ने कहा कि इस धोखाधड़ी ने हजारों लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने मांग की कि विदेश भागे आरोपियों को इंटरपोल के सहयोग से वापस लाया जाए और कड़ी सजा दी जाए। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और न्याय जरूर होगा।
क्या है LUCC घोटाला?
लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) ने देश के कई हिस्सों में लोगों से डबल रिटर्न और आसान लोन का झांसा देकर भारी निवेश करवाया। शुरुआत में लाभ देने के बाद, जब बड़ी राशि जमा हो गई तो कंपनी फरार हो गई। स्थानीय एजेंटों की मदद से इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
अब तक दर्ज मुकदमे:
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में इस घोटाले से जुड़े कुल 13 मामले दर्ज हो चुके हैं:
पौड़ी गढ़वाल: 4
टिहरी गढ़वाल: 4
देहरादून: 2
रुद्रप्रयाग: 2
उत्तरकाशी: 1
सीबीआई जांच की घोषणा के बाद लोगों को उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और उन्हें अपनी मेह
नत की कमाई वापस मिलेगी।