मालन पुल की मरम्मत कार्य आईआईटी बीएचयू के विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया, जिसमें नदी के तेज बहाव और भारी यातायात के दबाव को ध्यान में रखा गया। इस पुल पर कुल 13 स्लैब हैं, जिनमें से एक स्लैब बाढ़ के दौरान टूटकर नदी में गिर गया था, जिसे नए सिरे से निर्मित किया गया। शेष 12 स्लैबों को ‘लिफ्ट और शिफ्ट’ तकनीक के माध्यम से सुरक्षित तरीके से हटाकर संरक्षित किया गया और फिर नए पिलरों पर स्थापित किया गया।
स्लैब की विशेषताएं
प्रत्येक स्लैब की लंबाई 25 मीटर, चौड़ाई लगभग 7 मीटर और वजन लगभग 800 टन है। इन स्लैबों को दिल्ली मेट्रो पैनल के तर्ज पर सावधानीपूर्वक पुनः स्थापित किया गया।
नई उपलब्धि
करीब दो साल की कठिनाइयों के बाद मालन पुल के चालू होने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। यह पुल अब न केवल क्षेत्रीय आवागमन का मुख्य साधन बनेगा, बल्कि आपदा-प्रतिरोधी संरचना के रूप में एक उदाहरण भी पेश करेगा।