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Mansarovar Yatra : छह साल के लंबे इंतज़ार के बाद, श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है—कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू की जा रही है। खास बात यह है कि इस बार यात्रा एक नए मार्ग से शुरू हो रही है, और वह भी उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर से। यह पहली बार होगा जब यह ऐतिहासिक और पवित्र यात्रा टनकपुर से आरंभ होकर तिब्बत स्थित मानसरोवर तक पहुंचेगी।

 

नए रूट की शुरुआत: टनकपुर से गुंजी तक

 

अब तक कैलाश मानसरोवर यात्रा हल्द्वानी के काठगोदाम से शुरू होती थी, जो अल्मोड़ा होते हुए पिथौरागढ़, धारचूला और गुंजी से होते हुए तिब्बत में प्रवेश करती थी। लेकिन इस बार कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने यात्रा की शुरुआत टनकपुर से करने का निर्णय लिया है।

 

टनकपुर – चंपावत – पिथौरागढ़ – धारचूला – गुंजी इस वर्ष के यात्रा का नया रूट होगा। इसके बाद यात्रियों को तिब्बत में प्रवेश देकर मानसरोवर की ओर बढ़ाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बदलाव से यात्रा पहले से अधिक आकर्षक, सीधी और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी हुई बन जाएगी।

 

शुरुआत के लिए पूरी तैयारियां

 

यात्रा की व्यवस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा की जा रही है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि देशभर से लगभग 50 श्रद्धालुओं का पहला दल शुक्रवार शाम तक टनकपुर स्थित ट्रांजिट रिसेप्शन सेंटर (TRC) पहुंच जाएगा।

 

टनकपुर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं का स्वागत उत्तराखंड की पारंपरिक शैली में किया जाएगा। स्थानीय लोकगीतों, फूल-मालाओं और पारंपरिक व्यंजनों के माध्यम से यात्रियों को उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। यात्रियों को शारदा पर्यटक आवास गृह में ठहराया जाएगा, जहां उनके स्वागत की पूरी व्यवस्था की गई है।

 

विशेष दल की व्यवस्था

 

KMVN टनकपुर गेस्ट हाउस के मैनेजर मनोज कुमार के अनुसार, यात्रा के पहले जत्थे में 50 श्रद्धालु, दो लाइजनिंग ऑफिसर, और एक अनुभवी गाइड शामिल होंगे। इस दल को शनिवार सुबह अतिथि गृह से रवाना किया जाएगा।

 

पूरे यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, चिकित्सा और आवास की पुख्ता व्यवस्था की गई है। मार्ग के सभी पड़ावों पर विश्राम स्थल, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

 

मुख्यमंत्री का संभावित शुभारंभ

 

सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस यात्रा दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं। हालांकि इस कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस शुभ यात्रा का शुभारंभ करेंगे।

 

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

 

कई सालों तक कोरोना महामारी, भौगोलिक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर पाबंदियों के चलते यह यात्रा स्थगित रही थी। अब इसके दोबारा शुरू होने से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को एक नया प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा न केवल धार्मिक भावना को सशक्त करेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, होटल व्यवसाय, पर्यटन और हस्तशिल्प को भी सकारात्मक दिशा देगी।

 

टनकपुर को नई पहचान

 

टनकपुर, जो अब तक सीमांत कस्बे के रूप में जाना जाता था, अब अंतरराष्ट्रीय धार्मिक यात्रा का प्रमुख प्रवेश द्वार बनकर उभरेगा। इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

 

 

 

निष्कर्ष:

 

टनकपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की यह नई शुरुआत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यटन और आत्मिक ऊर्जा का संगम है। वर्षों की प्रतीक्षा के बाद यात्रा की बहाली श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान साबित होगी। साथ ही, यह पहल उत्तराखंड को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर एक बार फिर से स्थापित करने की दि

शा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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