भतरौंजखान (अल्मोड़ा) — अल्मोड़ा जनपद के भतरौंजखान क्षेत्र में स्थित बाबा हीरांद महाराज की तपोस्थली पर निर्मित भव्य राम मंदिर में सोमवार को अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम से भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा कर उन्हें विधिपूर्वक स्थापित किया गया। इस धार्मिक अवसर को भव्य रूप देने के लिए पूरे क्षेत्र में विशेष आयोजन किए गए, जिनमें महिलाओं की कलश यात्रा और विशाल भंडारा प्रमुख आकर्षण रहे।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शुरुआत भव्य कलश यात्रा से हुई, जिसमें क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजधज कर भाग लिया। सिर पर कलश धारण किए हुए महिलाएं मंत्रोच्चारों और भजन-कीर्तन के साथ मंदिर परिसर तक पहुँचीं। यह कलश यात्रा पूरे क्षेत्र में आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गई।
कलश यात्रा के उपरांत मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अनुष्ठान आरंभ हुआ। राजस्थान के शुद्ध सफेद संगमरमर से निर्मित भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की प्रतिमाओं को वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधानों के साथ मंदिर में स्थापित किया गया। प्राण प्रतिष्ठा विधि के अंतर्गत पंचामृत स्नान, वस्त्रार्पण, पुष्प और गंध अर्पण जैसे परंपरागत धार्मिक कार्य संपन्न किए गए।
पूरे मंदिर परिसर में इस दौरान भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लेकर धार्मिक पुण्य अर्जित किया और पूरे कार्यक्रम के दौरान भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारों से वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
इस पावन अवसर पर क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया और आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से न केवल क्षेत्र की आध्यात्मिक चेतना को बल मिलता है, बल्कि सामाजिक एकता और परस्पर सहयोग की भावना भी प्रबल होती है। उनके साथ दर्जा राज्यमंत्री कैलाश पंत, मंदिर समिति के सदस्य, व्यापार संघ के पदाधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।
मूर्ति स्थापना के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आए भक्तों ने भी आयोजन में भाग लिया और भगवान के दर्शन कर आत्मिक संतोष की अनुभूति की। भंडारे में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी, जो भक्तों को प्रसाद रूप में वितरित किए गए।
आयोजन की सफलता के लिए मंदिर समिति, स्थानीय नागरिकों और स्वयंसेवकों ने मिलकर कई दिनों तक अथक प्रयास किए। सफाई व्यवस्था, सुरक्षा, जल की आपूर्ति और भंडारे की तैयारी में हर व्यक्ति ने अपना योगदान दिया। यह आयोजन क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया है।
राम मंदिर की यह स्थापना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में भी एक नई ऊर्जा का संचार करेगी। बाबा हीरांद महाराज की तपोस्थली पर इस मंदिर का निर्माण और मूर्ति स्थापना भावी पीढ़ियों के लिए आस्था, भक्ति और संस्कृति का केंद्र बनेगा।
स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई कि मंदिर में अब नियमित रूप से पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक आयोजन होते रहेंगे, जिससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, युवाओं में अपनी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति जागरूकता और जुड़ाव बढ़ेगा।
इस आयोजन ने यह प्रमाणित कर दिया कि जब श्रद्धा, समर्पण और सामूहिक सहयोग एक साथ आते हैं, तो भव्य से भव्य धार्मिक आयोजन भी सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं। भतरौंजखान में आयोजित यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह एक सामाजिक उत्सव भी था, जिसमें पूरे क्षेत्र ने एकजुट
होकर सहभागिता की।
इस आयोजन ने यह प्रमाणित कर दिया कि जब श्रद्धा, समर्पण और सामूहिक सहयोग एक साथ आते हैं, तो भव्य से भव्य धार्मिक आयोजन भी सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं। भतरौंजखान में आयोजित यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह एक सामाजिक उत्सव भी था, जिसमें पूरे क्षेत्र ने एकजुट होकर सहभागिता की। यह आयोजन भविष्य के लिए एक प्रेरणास्त्रोत और सांस्कृतिक विरासत के रूप में हमेशा स्मरणीय रहेगा।