Demo

उत्तराखंड में पंचायती राज संस्थाओं को लेकर प्रशासन ने बड़ी पहल करते हुए आरक्षण सूची जारी कर दी है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के सभी वर्गों को पंचायत प्रणाली में उचित प्रतिनिधित्व और भागीदारी मिल सके। इसके तहत रायपुर, डोईवाला और विकासनगर जैसे क्षेत्रों को सामान्य (अनारक्षित) घोषित कर दिया गया है।

 

यह निर्णय सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें वह हर समाज और तबके को पंचायत जैसे लोकतांत्रिक ढांचे में प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रयासरत है।

 

सामान्य घोषित हुए रायपुर, डोईवाला और विकासनगर

 

देहरादून जिले के अंतर्गत आने वाले रायपुर, डोईवाला और विकासनगर ब्लॉक अब सामान्य श्रेणी में रखे गए हैं। यानी इन क्षेत्रों में अब कोई आरक्षण लागू नहीं होगा और यहां सभी जाति एवं वर्गों के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि योग्य और मेहनती उम्मीदवारों को बिना आरक्षण की बाध्यता के अवसर मिलेगा, और जनता को भी ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे।

 

यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय से इन क्षेत्रों में सामाजिक समीकरणों को लेकर आरक्षण पर सवाल उठते रहे थे। अब सभी वर्गों को समान अवसर मिलने से लोकतंत्र की भावना और मज़बूत होगी।

 

अन्य जिलों में भी आरक्षण सूची जारी

 

केवल देहरादून ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य कई जिलों जैसे:

 

चमोली

 

उत्तरकाशी

 

रुद्रप्रयाग

 

टिहरी

 

पिथौरागढ़

 

बागेश्वर

 

अल्मोड़ा

 

नैनीताल

 

ऊधमसिंह नगर

 

पौड़ी गढ़वाल

 

 

में भी पंचायती राज संस्थाओं के लिए अंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत के विभिन्न पदों के लिए आरक्षण की श्रेणियां तय कर दी गई हैं।

 

सामाजिक समरसता की ओर एक कदम

 

यह पूरी प्रक्रिया सामाजिक समरसता, समान प्रतिनिधित्व, और समावेशिता के उद्देश्य से की गई है। सरकार चाहती है कि पंचायत स्तर पर भी हर वर्ग को बराबरी से आवाज़ मिले—चाहे वह अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग (OBC), महिलाएं हों या सामान्य वर्ग।

 

आरक्षण सूची बनाने में जनसंख्या अनुपात, पिछड़ेपन का स्तर, और क्षेत्रीय संतुलन जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखा गया है। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी वर्ग हाशिए पर न रह जाए।

 

क्या है आगे की प्रक्रिया?

 

अब जब कि आरक्षण सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है, अगला कदम होगा चुनाव प्रक्रिया को शुरू करना। राज्य निर्वाचन आयोग जल्द ही पंचायती चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा, जिसके बाद नामांकन, पर्चा भरने, चुनाव प्रचार, और अंत में मतदान व परिणाम की प्रक्रिया शुरू होगी।

 

चुनाव आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। हर जिले में प्रशासन और पुलिस को अलर्ट पर रखा जाएगा।

 

महिला सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता

 

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50% तक आरक्षण दिया जाता है। इसका सकारात्मक असर पिछले वर्षों में देखा भी गया है, जब कई महिलाएं सरपंच, प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के रूप में उभरी हैं।

 

इस बार की आरक्षण सूची में भी महिला उम्मीदवारों को पर्याप्त अवसर दिए गए हैं। सरकार का प्रयास है कि महिलाएं सिर्फ दिखावे भर की प्रतिनिधि न बनें, बल्कि असली निर्णयों में भागीदारी निभाएं।

 

निष्कर्ष: लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मज़बूती

 

उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गई यह आरक्षण सूची पंचायत प्रणाली में जनभागीदारी को बढ़ावा देने वाली है। यह कदम दर्शाता है कि सरकार सभी समुदायों को साथ लेकर चलना चाहती है, और लोकतंत्र को नींव से मजबूत बनाना चाहती है।

 

चाहे वह सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व हो या अनुसूचित जातियों और जनजातियों का अधिकार—हर वर्ग को उनका स्थान और सम्मान देने की दिशा में यह प्रक्रिया एक ठोस पहल मानी जा सकती है।

 

अब सभी की निगाहें चुनाव की तारीखों पर टिकी हैं, और जनता को

यह तय करना है कि वो अपने स्थानीय शासन के लिए किसे चुनती है।

 

Share.
Leave A Reply

Live Almora

Stay connected with Live Almora – your trusted source for local news, events, and updates from Almora and across Uttarakhand. Real stories, real voices, right from the hills.

Contact Us-  
Aryan Sharma
Kalli mitti gaon
Thano road
Raipur dehradun
Phone – 91934 28304