उत्तराखंड के चकराता, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जैसे जनजातीय जिलों को जल्द ही होम स्टे योजना से लाभ मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत पूरे देश में 1000 होम स्टे विकसित करने का लक्ष्य तय किया है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गांव में 5 से 10 होम स्टे इकाइयों की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संसद में उस समय दी, जब हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विस्तार का मुद्दा उठाया।
प्रशिक्षण और ऋण की सुविधा
सरकार की योजना के अनुसार होम स्टे संचालकों को संपार्श्विक रहित ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अतुल्य भारत बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के तहत इन होम स्टे को स्वर्ण और रजत श्रेणी में वर्गीकृत किया जा रहा है। सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संचालकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
—
सहकारिता में डिजिटल परिवर्तन: उत्तराखंड की 670 समितियां ऑनलाइन
राज्य में सहकारिता को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अब उत्तराखंड की 670 प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां नाबार्ड द्वारा विकसित विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी तरह डिजिटल हो गई हैं।
इन समितियों को कंप्यूटर, बायोमीट्रिक डिवाइस, प्रिंटर, यूपीएस और वीपीएन कनेक्टिविटी जैसे उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इस परियोजना की कुल लागत 13.48 करोड़ रुपये है, जिसमें से 12.13 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किए गए हैं। संसद में यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दी।
साथ ही, राज्य में 587 नई सहकारी समितियां भी स्थापित की गई हैं, जो विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
—
हरिद्वार जिले को मिलेगा दुग्ध समितियों का समर्थन
दुग्ध उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हरिद्वार जिले में 27 नई दुग्ध सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा पहले से कार्यरत 25 समितियों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक सिद्ध होगा।
निष्कर्ष
इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देना है, बल्कि जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना भी है। ये प्रयास आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक रूप से दूरदराज़ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।