देहरादून, उत्तराखंड — उत्तराखंड में जारी भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक भारी वर्षा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत राज्य के नौ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी गई है।
इस गंभीर हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (आईटी पार्क) का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहने और फील्ड में सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।
चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक
राज्य में भारी बारिश के कारण सबसे अधिक असर चारधाम यात्रा पर पड़ा है। सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने अगले 24 घंटे के लिए यात्रा स्थगित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिलाधिकारियों से सीधे संवाद कर चारधाम मार्गों की स्थिति और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि चारधाम यात्रा के दौरान फंसे यात्रियों को भोजन, दवाइयां, बच्चों के लिए दूध जैसी आवश्यक वस्तुएं बिना किसी बाधा के मिलती रहें। उन्होंने कहा कि किसी भी यात्री को असुविधा नहीं होनी चाहिए और जरूरत पड़ी तो अस्थायी राहत शिविर बनाए जाएं।
बड़कोट में बादल फटा, रेस्क्यू जारी
उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में बादल फटने की दुखद घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के शिविर पर मलबा गिरने से कई लोग मलबे में दब गए। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 29 मजदूरों में से 20 को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि दो शव बरामद किए गए हैं और सात मजदूर अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और सभी प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की बात कही है।
नदी किनारे और संवेदनशील इलाकों में सख्त निगरानी
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नदी, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में बसे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। इसके लिए ग्राम स्तर तक निगरानी समितियां बनाई जा रही हैं, जो समय रहते लोगों को सतर्क करें और राहत कार्यों में सहयोग करें।
उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को आदेश दिया कि सभी जिलों में राहत सामग्री, दवाइयां और आपात सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबरों को सक्रिय रखने और लोगों तक सही जानकारी समय-समय पर पहुंचाने पर जोर दिया गया है।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से डेटा तैयार करने और उन्हें प्रसव से पूर्व ही अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि असुरक्षित इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस सेवा, मेडिकल टीम और विशेष निगरानी रखी जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
राज्यभर में स्कूलों और मार्गों की स्थिति खराब
लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के कई स्कूलों को बंद किया गया है, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में जहां भूस्खलन और सड़कों के टूटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई मुख्य मार्गों पर यातायात प्रभावित है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जनता से अपील: प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
मुख्यमंत्री और प्रशासन की ओर से आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। नदियों और नालों के पास जाने से बचने और पहाड़ी क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
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निष्कर्ष:
उत्तराखंड इस समय प्राकृतिक आपदा की चुनौती का सामना कर रहा है। राज्य सरकार, प्रशासन, आपदा प्रबंधन और राहत एजेंसियां मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई हैं। भारी बारिश के चलते जहां चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक, वहीं बड़कोट जैसे क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं।
सरकार द्वारा किए गए अलर्ट और राहत इंतजामों से जनहानि को काफी हद तक रोका गया है, लेकिन चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं। ऐसे में आम जनता का सहयोग बेहद ज़रूरी है। लोगों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें
और केवल सरकारी सूचना तंत्र पर भरोसा रखें।