भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने पहली बार ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की। बेंगलुरु में आयोजित एयर चीफ मार्शल एल. एम. कात्रे स्मृति व्याख्यान के दौरान उन्होंने बताया कि इस मिशन में वायुसेना के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने निर्णायक भूमिका निभाई और यह पूरी कार्रवाई का ‘टर्निंग प्वॉइंट’ साबित हुआ।
उनके अनुसार, S-400 की मदद से पाकिस्तान के पाँच लड़ाकू विमान और एक AEW&C/ELINT अवाक्स को मार गिराया गया। अवाक्स को लगभग 300 किलोमीटर दूर से सटीक निशाना बनाया गया, जिससे पाकिस्तान की निगरानी और हमले की क्षमता पर गहरा असर पड़ा।
पहलगाम हमले का जवाब
एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए हमले के बाद अंजाम दिया गया, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे। उनका कहना था कि जवाबी कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि आतंकी नेतृत्व तक संदेश पहुंचना भी जरूरी है। इसी सोच के साथ, विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर नौ अहम स्थानों को निशाना बनाया गया।
आतंकी ठिकानों का सफाया
कार्रवाई के दौरान बहावलपुर और मुरिदके में स्थित आतंकी संगठनों के मुख्यालय ध्वस्त कर दिए गए। मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर पर हमले से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें भी दिखाई गईं, जिनमें आतंकी नेतृत्व के आवासीय हिस्से और मीटिंग हॉल के पूरी तरह नष्ट होने के प्रमाण मिले।
मिशन की विशेषताएं
इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं के साथ आठ अलग-अलग एजेंसियों ने भाग लिया। सात लक्ष्य पाकिस्तान सीमा के करीब थे, जबकि दो गहरे अंदर जाकर ध्वस्त किए गए। सभी टारगेट पहले से चिन्हित थे और सटीक हमलों से नष्ट किए गए। इनकी पुष्टि वीडियो रिकॉर्डिंग और सैटेलाइट इमेज से हुई। S-400 की लंबी दूरी की क्षमता ने पाकिस्तान के विमानों को सीमा के पास आने और दूर से हमला करने से रोक दिया।
रणनीतिक संदेश
एयर चीफ मार्शल सिंह के अनुसार, यह मिशन तकनीकी और रणनीतिक दोनों दृष्टि से बेहद अहम रहा। नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान को साफ संदेश गया—भारत न केवल सीमा पार के लॉन्चपैड्स, बल्कि आतंकी नेटवर्क के केंद्र पर भी वार करने
की क्षमता रखता है।