उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र से ‘हिमगिरि ग्रीन फाउंडेशन’ और ‘इन्हेयर’ संस्था द्वारा मिलकर शुरू की गई 11 दिवसीय ‘स्रोत से संगम अध्ययन पदयात्रा’ का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। यह पदयात्रा पश्चिमी रामगंगा नदी के उद्गम स्थल दूधातोली से शुरू होकर मोहान तक जाएगी। इस यात्रा में 20 सदस्यीय दल भाग ले रहा है, जिसका नेतृत्व पर्यावरणविद शंकर सिंह बिष्ट और चिनमय शाह कर रहे हैं। यात्रा का मार्ग दूधातोली से होकर गैरसैंण, मेहलचोरी, तैतुरा, माईथान, खजूरानी, ताल, चौखुटिया, भिकियासैंण और मरचूला जैसे क्षेत्रों से गुजरता हुआ मोहान तक पहुंचेगा। इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ पैदल चलना नहीं है, बल्कि हर गांव और क्षेत्र में जाकर वहां के लोगों से संवाद करना है, उन्हें यह समझाना है कि नदियां, पहाड़, जंगल और प्रकृति सिर्फ हमारे संसाधन नहीं हैं, बल्कि हमारे जीवन का आधार हैं। अगर हम इनका सम्मान नहीं करेंगे और इनका संरक्षण नहीं करेंगे, तो भविष्य में पानी, हवा और जैव विविधता का संकट और गहराता जाएगा। यात्रा दल के सदस्यों का मानना है कि जब तक आम लोग प्रकृति को बचाने के प्रयासों में शामिल नहीं होंगे, तब तक सिर्फ कानून और योजनाएं पर्याप्त नहीं होंगी। शंकर सिंह बिष्ट ने कहा कि यह यात्रा एक प्रतीक है – उस जुड़ाव का, जो इंसान और प्रकृति के बीच होना चाहिए। पदयात्रा के माध्यम से बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि हर पीढ़ी यह समझ सके कि प्रकृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। यात्रा के दौरान दल विभिन्न स्थलों पर पर्यावरण से जुड़े संवाद, विचार-विमर्श और जनचेतना कार्यक्रमों का आयोजन भी कर रहा है, जिससे लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके और उन्हें प्रेरित किया जा सके कि वे भी अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाएं।