महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। विभाग की निदेशक रंजना राजगुरु ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों, परियोजना अधिकारियों और सुपरवाइजरों को निर्देश दिया है कि वे केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और स्वयं भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण में लापरवाही या खामियां मिलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता सुधारना और केंद्रों की जवाबदेही तय करना है।
राज्यभर के 13 जिलों में मौजूद सभी कार्यक्रम अधिकारियों, 105 बाल विकास परियोजना अधिकारियों और 595 सुपरवाइजरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फील्ड विजिट कर निरीक्षण कार्य तुरंत शुरू करें और रिपोर्टिंग में कोई कोताही न हो।
वजन मशीनों की जांच भी जरूरी
इसके अलावा, कुछ जिलों से वजन मशीनों की गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि निरीक्षण के दौरान मशीनों की सटीकता की जांच अनिवार्य रूप से की जाए। गलत माप से बच्चों के पोषण स्तर का सही आकलन नहीं हो पाएगा, जिससे अभियान की प्रभावशीलता प्रभावित होगी।
सरकार का यह फैसला बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा
रहा है।