टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड — टिहरी जनपद के लंबगांव क्षेत्र में रविवार को एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। यह दुर्घटना उस समय हुई जब भैतलाखाल से लंबगांव की ओर जा रही एक कार अचानक रावत गांव के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भयानक था कि कार लगभग 50 से 60 मीटर नीचे जाकर गिरी, जिससे उसमें सवार पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे का विवरण
रविवार को दोपहर के समय एक अल्टो कार (वाहन संख्या: UK-07F-1795) भैतलाखाल से लंबगांव की ओर जा रही थी। कार में कुल पाँच लोग सवार थे। जब वाहन रावत गांव के पास पहुँचा, तभी वह अचानक असंतुलित होकर सड़क से फिसल गया और गहरी खाई में जा गिरा। गिरने के साथ ही कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसके चारों ओर का मलबा दूर तक फैल गया।
स्थानीय लोगों की तत्परता
हादसे की आवाज सुनकर पास के ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे और घायलों की सहायता में लग गए। बिना किसी देरी के ग्रामीणों ने घायलों को खाई से बाहर निकालने का प्रयास शुरू कर दिया। खाई गहरी होने के बावजूद ग्रामीणों की तत्परता और साहस के चलते घायलों को समय रहते बाहर निकाला गया, जिससे कई लोगों की जान बच गई।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची
नगर पंचायत अध्यक्ष रोशन रांगड़ ने दुर्घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष धमेन्द्र सिंह रौतेला पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से राहत और बचाव कार्य शुरू करवाया और खाई में गिरे वाहन तक पहुंच बनाकर घायलों को सुरक्षित निकाला गया।
घायलों की स्थिति
कार में सवार पांचों लोगों में से सपना, तनवी, अभिषेक और सानवी की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चौंड (लंबगांव) लाया गया, जहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज हेतु उच्च चिकित्सा केंद्र (हायर सेंटर) रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि समय पर प्राथमिक चिकित्सा न मिलती तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
प्रशासन और ग्रामीणों का समन्वय
यह हादसा बताता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। ऐसे हादसों में स्थानीय ग्रामीणों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रहती है। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने न सिर्फ पुलिस के आने से पहले घायलों को निकालने का प्रयास किया, बल्कि उनके साथ लगातार संपर्क बनाकर उन्हें ढांढस भी बंधाया।
हादसे की वजह और जांच
फिलहाल पुलिस द्वारा हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वाहन का संतुलन बिगड़ना दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं सड़क की स्थिति, ब्रेक फेल होने जैसी तकनीकी खामी या तेज रफ्तार तो जिम्मेदार नहीं थी।
पहाड़ी इलाकों में सड़क दुर्घटनाएं बनीं चुनौती
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अक्सर सड़कें संकरी और तीव्र मोड़ों वाली होती हैं। ऐसे में थोड़ी सी भी असावधानी गंभीर हादसे में बदल जाती है। लंबगांव और भैतलाखाल जैसे क्षेत्रों में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। ज़रूरत इस बात की है कि सड़क सुरक्षा के उपायों को और मजबूत किया जाए, संकेतक और रेलिंग की व्यवस्था बेहतर हो, साथ ही चालकों को भी सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की सख्त हिदायत दी जाए।
प्रशासन की अपील
प्रशासन की ओर से आम जनता से अपील की गई है कि वे विशेष रूप से बरसात के मौसम में पर्वतीय सड़कों पर वाहन चलाते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें। ड्राइविंग के दौरान फोन या अन्य किसी भी प्रकार के ध्यान भटकाने वाले काम से बचें और गति सीमा का पालन करें।
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निष्कर्ष
यह घटना न सिर्फ एक हादसे की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि यदि स्थानीय लोग और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करें, तो कितनी भी विकट परिस्थिति में जानें बचाई जा सकती हैं। साथ ही यह हमें यह भी सिखाती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि भवि
ष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।