देहरादून के शांत और व्यस्त इलाकों में से एक, राजपुर रोड, उस समय सनसनी का केंद्र बन गया जब एयर फोर्स ऑफिसर्स मेस के पास एक युवक का शव नग्न अवस्था में पेड़ से लटका हुआ पाया गया। यह दर्दनाक और असामान्य घटना 21 जून की रात सामने आई, जब स्थानीय लोगों ने सड़क किनारे यह विचित्र दृश्य देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस को मिली सूचना और त्वरित कार्रवाई
कोतवाली डालनवाला पुलिस को रात के समय सूचना मिली कि एक अज्ञात युवक नग्न हालत में पेड़ से लटका हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। वहां एक व्यक्ति केवल एक गमछे के सहारे पेड़ से फंदे पर झूलता मिला। पुलिस ने बिना देर किए शव को नीचे उतारा और तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
स्थानीय लोगों की गवाही: युवक मानसिक रूप से था अस्वस्थ
पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के दौरान आसपास के लोगों से पूछताछ की गई। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने इस युवक को पहले भी इलाके में कई बार देखा है। वह अक्सर नग्न अवस्था में या केवल गमछा पहनकर घूमता था। कुछ लोगों ने उसे मानसिक रूप से असंतुलित बताया और कहा कि वह सड़क किनारे चुपचाप चलता रहता था, किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। घटना की रात भी एक व्यक्ति ने उसे उसी क्षेत्र में गमछे में घूमते देखा था।
प्रथम दृष्टया आत्महत्या का संदेह, लेकिन हर पहलू की जांच जारी
पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी करते हुए फॉरेंसिक टीम को बुलाया। हर कोण से घटनास्थल का निरीक्षण किया गया, ताकि आत्महत्या, हत्या या किसी अन्य संभावित कारण की पुष्टि की जा सके। हालांकि प्रारंभिक रूप से यह आत्महत्या जैसा प्रतीत हो रहा है, परंतु पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की गहन जांच की जा रही है।
डालनवाला पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, “हम इस केस को संवेदनशीलता और संदेह के दोनों दृष्टिकोण से देख रहे हैं। मृतक की मानसिक स्थिति को देखते हुए आत्महत्या का संदेह मजबूत है, लेकिन हम हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं कर सकते। अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो सकी है, और उसकी शिनाख्त के प्रयास लगातार जारी हैं।”
शव की शिनाख्त एक चुनौती, पुलिस कर रही प्रयास
मृतक के पास से कोई पहचान पत्र, मोबाइल फोन या अन्य दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है। उसकी आयु लगभग 30-35 वर्ष के आसपास आंकी गई है, लेकिन उसकी वेशभूषा और मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे बेघर या मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति माना जा रहा है। पुलिस ने आसपास के थानों में लापता व्यक्तियों की जानकारी साझा की है और शव की तस्वीर व विवरण जिले भर में प्रसारित किए जा रहे हैं ताकि कोई पहचान हो सके।
मानसिक स्वास्थ्य और समाज की जिम्मेदारी
यह घटना न केवल एक दुखद मौत की कहानी है, बल्कि यह समाज और प्रशासन के सामने कई सवाल भी खड़े करती है। अगर मृतक मानसिक रूप से अस्वस्थ था और लंबे समय से सड़कों पर भटक रहा था, तो क्या उसके लिए कोई मदद नहीं थी? क्या स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग या सामाजिक संगठन उसकी हालत से अनजान थे? ऐसी घटनाएं यह बताती हैं कि मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों के लिए हमारे समाज में समुचित व्यवस्था और निगरानी की भारी कमी है।
निष्कर्ष
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के वास्तविक कारण का खुलासा हो सकेगा। वहीं शव को मोर्चरी में सुरक्षित रखा गया है और आम जनता से अपील की गई है कि यदि कोई व्यक्ति इस युवक की पहचान कर सकता है या उसके बारे में कुछ जानता है, तो वह डालनवाला पुलिस से संपर्क करें।
यह मामला दुखद होने के साथ-साथ हमारे सामाजिक तंत्र की कमजोरी की भी याद दिलाता है—जहाँ एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति मदद के अभाव में इस हद तक अकेला और असहाय हो गया कि अंत में उसकी मौत पेड़ की एक
शाखा से लटकते हुए हुई।