देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की पहली बोर्ड बैठक मंगलवार को संपन्न हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 127 करोड़ रुपये के बजट को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई। यह बैठक बीकेटीसी के नव नियुक्त अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें समिति के सदस्यों और संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक की शुरुआत आध्यात्मिक माहौल में भगवान बदरी विशाल और बाबा केदारनाथ की आरती के साथ हुई। इसके बाद बीकेटीसी के वित्त अधिकारी मनीष कुमार उप्रेती ने समिति के समक्ष प्रस्तावित बजट का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसे चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
बजट का वितरण: बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए अलग-अलग प्रावधान
स्वीकृत बजट में बदरीनाथ धाम के लिए 64 करोड़ 22 लाख 27 हजार 70 रुपये और केदारनाथ धाम के लिए 62 करोड़ 87 लाख 70 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। इस बजट का उद्देश्य न केवल धामों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना है, बल्कि तीर्थ यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना भी है।
जहां बदरीनाथ धाम के लिए अनुमानित व्यय करीब 56 करोड़ रुपये तय किया गया है, वहीं केदारनाथ धाम के लिए यह व्यय लगभग 40 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह राशि मंदिरों की रख-रखाव, सुरक्षा, तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं, आपातकालीन सेवाओं और यात्रा मार्गों की मरम्मत जैसे कार्यों पर खर्च की जाएगी।
अब तक 24 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने किए दर्शन
चारधाम यात्रा के प्रमुख केंद्रों – बदरीनाथ और केदारनाथ – में इस वर्ष तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। 8 जुलाई 2025 तक, इन दोनों धामों में कुल 24 लाख 78 हजार 963 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इसमें बदरीनाथ धाम में 11 लाख 37 हजार 628 और केदारनाथ धाम में 13 लाख 41 हजार 335 श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस वर्ष यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए समिति लगातार व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में जुटी हुई है।
पंजीकरण में भी रिकॉर्ड वृद्धि
श्रद्धालुओं की संख्या के साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक बदरीनाथ धाम के लिए 14 लाख 32 हजार 983 और केदारनाथ धाम के लिए 15 लाख 49 हजार 930 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। सरकार द्वारा लागू किए गए पंजीकरण सिस्टम ने यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सुविधाओं और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास
बैठक में केवल बजट ही नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं, आपदा प्रबंधन, मार्ग सुरक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था, साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था और शौचालयों जैसी मूलभूत जरूरतों पर भी चर्चा की गई।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि “हमारा उद्देश्य तीर्थयात्रियों को एक सहज, सुरक्षित और श्रद्धामय यात्रा अनुभव प्रदान करना है। समिति इस दिशा में हर संभव कदम उठा रही है और आगे भी यह प्रयास लगातार जारी रहेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में तीर्थ स्थलों पर डिजिटल सूचना बोर्ड, ई-गाइडेंस सिस्टम, आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं, और स्वचालित सफाई उपकरणों को लागू करने की योजना पर भी विचार चल रहा है।
आने वाले सीजन के लिए तैयारी
समिति ने यह स्पष्ट किया कि आगामी महीनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि की संभावना है, ऐसे में भीड़ प्रबंधन को लेकर पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्य मार्गों की मरम्मत, अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती, पुलिस और प्रशासनिक समन्वय, हेल्प डेस्क और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से जानकारी मुहैया कराने जैसे कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
निष्कर्ष
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की यह पहली बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। न केवल 127 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई, बल्कि तीर्थयात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई।
ऐसे प्रयासों से स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार और मंदिर समिति दोनों ही मिलकर चारधाम यात्रा को विश्वस्तरीय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं। इस यात्रा का सफल संचालन न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूती देता है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र के लिए भी सकारात्मक संकेत है।