अवैध अप्रवासन का मामला दिन-ब-दिन और जटिल होता जा रहा है, जिसमें जालंधर और मोहाली के एजेंटों की मुख्य भूमिका सामने आ रही है। अमेरिका में अवैध प्रवेश कराने के लिए जालंधर से चलाए गए मार्गों ने पंजाब और हरियाणा के हजारों युवाओं को झांसा देकर अरबों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का रास्ता खोला है। ग्रीस से शुरू होकर अब दुबई तक पहुंच चुका यह अवैध तस्करी का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है।
भारत से अमेरिका की दूरी लगभग 13,500 किलोमीटर है, जिसे हवाई मार्ग से 17 से 20 घंटे में तय किया जा सकता है। लेकिन ‘डंकी रूट’ के जरिए यह दूरी लगभग 15,000 किलोमीटर तक बढ़ जाती है, और इसे तय करने में महीनों लग जाते हैं। जालंधर के एजेंटों ने लाखों रुपये लेकर हजारों युवाओं को अमेरिका पहुंचाने का रास्ता खोला है। इन एजेंटों के संपर्क में अब तक हज़ारों युवा हैं, जिन्होंने 50-50 लाख रुपये की राशि देकर अपनी किस्मत आजमाई है।
इस अवैध व्यापार को राजनीतिक समर्थन प्राप्त है, और इसमें सरकारी अधिकारियों का भी पूरा सहयोग मौजूद है, जिस कारण यह माफिया नेटवर्क जालंधर से हरियाणा तक फैल चुका है। जालंधर में एक नामी एजेंट ने 2005 से 2007 तक ग्रीस के रास्ते अवैध अप्रवासन का नया मार्ग खोजा। ग्रीस दूतावास के जरिए पंजाब के युवाओं को शेंगेन देशों में भेजा जाता था, जहां से उन्हें पनामा और मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचाया जाता था।
इस धंधे में सरकारी और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के बावजूद, जब अमेरिकी एफबीआई ने ग्रीस दूतावास पर दबिश दी तो कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, इसके बाद भी जालंधर के एजेंटों ने नए रास्ते तलाशे और इक्वाडोर, बोलीविया और गुयाना जैसे देशों से वीजा बिना प्राप्त किए भारतीयों को भेजने का तरीका ढूंढ लिया, जहां भारतीयों को वीजा ‘ऑन अराइवल’ मिलता था।
इसके बाद एजेंटों ने ‘डंकी’ रूट का इस्तेमाल शुरू किया, जो कोलंबिया, मैक्सिको और फिर अमेरिका पहुंचाता था। अब दुबई के मार्ग का भी इस्तेमाल किया जा रहा था, जहां आसानी से वीजा मिल जाता था। तुर्की होते हुए ये लोग निकारागुआ, ग्वाटेमाला और पनामा से होते हुए अमेरिका पहुंचते थे।
2023 में 21 दिसंबर को एक मानव तस्करी के संदेह में दुबई से निकारागुआ जाने वाला एयरबस ए340 विमान फ्रांस में रोका गया था। विमान में 303 भारतीय सवार थे, जिनमें से 11 नाबालिग थे। फ्रांस पुलिस ने इस विमान को उड़ान भरने से रोककर इस तस्करी के रैकेट को उजागर किया।
अब मेक्सिको और निकारागुआ जैसे मध्य अमेरिकी देशों से अवैध रूप से अमेरिका जाने का मार्ग और भी लोकप्रिय हो चुका है, खासकर निकारागुआ, जो अब अमेरिका में शरण लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक प्रमुख मार्ग बन गया है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा गश्ती बल (सीबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 96,917 भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया।