अमेरिका ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और उनके निष्कासन का काम तेज कर दिया है। हाल ही में अमेरिका ने अपनी आर्मी विमान से 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट कर दिया। यह कार्रवाई अमेरिका के ट्रंप-2 प्रशासन के तहत की जा रही है, जो अवैध तरीके से देश में प्रवेश करने वालों को बाहर निकालने की दिशा में काम कर रहा है।
दूसरी ओर, कनाडा सरकार ने घोषणा की है कि वह मानव तस्करी और पारिवारिक हिंसा के शिकार विदेशी नागरिकों और उनके परिवारों के लिए कम से कम एक साल का अस्थायी निवास परमिट प्रदान करेगी। कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज और सिटीजनशिप विभाग ने इस कदम की जानकारी दी है। विभाग का उद्देश्य इन पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके लिए सहायक उपायों की उपलब्धता को बढ़ावा देना है।
कनाडा में यह अस्थायी निवास परमिट उन लोगों को दी जाएगी, जो मानव तस्करी और पारिवारिक हिंसा से पीड़ित हैं। यह परमिट उन्हें काम करने, शिक्षा प्राप्त करने और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त, बायोमीट्रिक्स के लिए शुल्क भी माफ कर दिए गए हैं, जिससे इन शिकारों को प्रशासनिक प्रक्रिया में आसानी हो।
**कनाडा में नई बहस:**
कनाडा और अमेरिका की सीमा आपस में जुड़ी हुई है, और यह सीमा 8891 किलोमीटर लंबी है, जिससे बड़ी संख्या में शरणार्थी और अवैध प्रवासी दोनों देशों के बीच आवाजाही कर सकते हैं। कनाडा में इस फैसले को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि इससे अवैध रूप से अमेरिका से कनाडा आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ सकती है।
कनाडा में रहने वाले जसविंदर सिंह का कहना है कि पंजाब के कई युवा कनाडा के बार्डर को पार कर अमेरिका चले गए थे, क्योंकि कनाडा में बेरोजगारी और वीजा प्रोसेस में देरी हो रही थी। अब इस नए आदेश से उनके लिए फिर से उम्मीदें जगी हैं। हालांकि, कुछ लोग इसे कनाडा के मानवाधिकारों की रक्षा के नाम पर एक नई चुनौती मानते हैं, क्योंकि इसके कारण कई अवैध प्रवासी कनाडा में प्रवेश कर सकते हैं।
इस फैसले से कनाडा को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि यह कदम अवैध प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है।