उत्तराखंड में विधि शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। टिहरी जिले के नरेंद्र नगर में प्रस्तावित लॉ कॉलेज के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। कॉलेज के निर्माण के लिए डागर क्षेत्र में मानकों के अनुरूप पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो गई है। हालांकि, प्रदेश में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) की स्थापना को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अक्टूबर 2021 में श्री कंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के दौरान नरेंद्र नगर में लॉ कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। अब इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू हो गई है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि लॉ कॉलेज के लिए डागर में उपयुक्त भूमि चिन्हित कर ली गई है। जैसे ही वित्त विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी, नए साल से कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी जाएगी।
वहीं दूसरी ओर, उत्तराखंड में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना का मामला वर्षों से अधर में लटका हुआ है। राज्य गठन के साथ बने छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 और झारखंड में 2010 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी स्थापित हो चुकी है, लेकिन उत्तराखंड में अब तक इसके लिए स्थायी भूमि का चयन भी पूरी तरह नहीं हो सका है।
बताया जाता है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को पहले नैनीताल में स्थापित करने की योजना थी, लेकिन वहां जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई। इसके बाद मार्च 2019 में देहरादून के रानीपोखरी स्थित लिस्ट्राबाद गांव में रेशम विभाग की लगभग 10 एकड़ भूमि पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया था। शुरुआती कार्यों के लिए करीब 50 लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसके बाद परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लिस्ट्राबाद में प्रस्तावित स्थल का संपर्क मार्ग उचित नहीं होने के कारण भी अड़चनें सामने आईं। स्थान चयन को लेकर उठे इन सवालों के चलते नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की योजना ठंडे बस्ते में चली गई। नतीजतन, जहां नरेंद्र नगर में लॉ कॉलेज की राह अब साफ होती दिख रही है, वहीं प्रदेश को अब भी अपनी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
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Uttarakhand: नरेंद्र नगर में खुलेगा लॉ कॉलेज, लेकिन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को लेकर अब भी बना हुआ है असमंजस
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