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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हाल ही में उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल-प्रवर सेवा मुख्य परीक्षा 2024 को स्थगित करने का आदेश दिया, जिसके बाद उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग ने तत्काल प्रभाव से परीक्षा को स्थगित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

 

यह मामला पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थी हिमांशु तोमर द्वारा दाखिल याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि आयोग ने मुख्य परीक्षा का कार्यक्रम 16 से 19 नवंबर के बीच निर्धारित किया था, लेकिन चार नवंबर को अचानक हिंदी विषय के तीन प्रश्नपत्रों के पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस बदलाव से छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका, जिससे उनके परीक्षा में भाग लेने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।

 

हिमांशु तोमर ने अपनी याचिका में इसे संविधान की धारा 14 और 16 का उल्लंघन बताते हुए आयोग द्वारा चार नवंबर को जारी किए गए संशोधित पाठ्यक्रम के आदेश को रद्द करने की मांग की। आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट से परीक्षा को लेकर 15 दिनों का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

 

सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मुख्य परीक्षा को स्थगित करने का आदेश पारित कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, आयोग ने भी तत्काल प्रभाव से अधिसूचना जारी कर परीक्षा को स्थगित करने की जानकारी दी और कहा कि परीक्षा की नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

 

इस फैसले के बाद छात्रों में आशा की किरण जगी है, क्योंकि वे अब तैयारी के लिए पर्याप्त समय पा सकेंगे।

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