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उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण और मानवीय निर्णय लेते हुए दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग बच्चियों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। अगर कोई नाबालिग बच्ची दुष्कर्म के कारण गर्भवती हो जाती है, तो अब सरकार उसकी देखभाल और ज़रूरतों की जिम्मेदारी उठाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य पीड़ित बच्चियों को सहारा देना और उन्हें सुरक्षित माहौल में आवश्यक मदद पहुंचाना है।

हर महीने मिलेगा पोषण भत्ता

सरकार ने तय किया है कि ऐसी बच्चियों को हर महीने पोषण भत्ता दिया जाएगा, ताकि वे गर्भावस्था के दौरान सही खान-पान और इलाज ले सकें। इसके अलावा, उन्हें चिकित्सा सुविधा, मानसिक सहयोग और सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।

योजना के लाभार्थी

यह सहायता योजना उन मामलों में लागू होगी जहाँ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी हो और पीड़िता की उम्र 18 साल से कम हो। सरकार का यह कदम न सिर्फ मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक संदेश भी देता है कि पीड़ित बच्चियों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।

योजना का क्रियान्वयन

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से किया जाएगा और पूरी निगरानी रखी जाएगी कि मदद सही तरीके से उन बच्चियों तक पहुँचे जिन्हें इसकी ज़रूरत है। इस योजना से जुड़े और भी कई पहलुओं की जानकारी जल्द ही सरकार द्वारा जारी की जाएगी।

नई उम्मीद की किरण

यह फैसला उत्तराखंड में ऐसे मामलों में एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है। सरकार का यह कदम पीड़ित बच्चियों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगा और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेगा।

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