Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में राज्यहित से जुड़े कई बड़े और दूरगामी प्रभाव डालने वाले प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। इन फैसलों में प्रदेश के विकास, प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को प्रोत्साहन देने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार जैसे विषयों को विशेष प्राथमिकता दी गई।
जियोथर्मल ऊर्जा नीति को मंजूरी
कैबिनेट बैठक में प्रदेश सरकार ने वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में जियोथर्मल नीति को मंजूरी दी है। यह नीति खासतौर पर पृथ्वी की भीतरी ऊष्मा से ऊर्जा उत्पादन को लेकर बनाई गई है। जियोथर्मल ऊर्जा एक स्वच्छ, हरित और सतत ऊर्जा स्रोत है, जिसका प्रयोग भविष्य में परंपरागत ऊर्जा स्रोतों की निर्भरता को कम कर सकता है।
इस नीति के तहत राज्य सरकार उन क्षेत्रों की पहचान करेगी जहां जियोथर्मल ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है। इसके लिए निजी और सरकारी दोनों स्तरों पर निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। नीति का उद्देश्य न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देना है।
पुलों की मजबूती के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को स्वीकृति
राज्य में पुलों की मौजूदा स्थिति और बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) के गठन को स्वीकृति दी गई है। यह यूनिट प्रदेश में पुलों की डिज़ाइन, निर्माण, रखरखाव और क्षमता बढ़ाने जैसे कार्यों का तकनीकी और प्रशासनिक प्रबंधन करेगी।
इस निर्णय से प्रदेश में पुलों की मजबूती और सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस काम होगा। साथ ही यातायात में सुविधा बढ़ेगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
सतर्कता विभाग में नए पदों की स्वीकृति
भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने और जांच कार्यों को अधिक दक्षता के साथ करने के उद्देश्य से सतर्कता विभाग के ढांचे को मजबूत किया गया है। विभाग में 20 नए पदों की स्वीकृति दी गई है, जिससे विभाग में स्वीकृत कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 156 हो गई है।
इस फैसले से सतर्कता विभाग की जांच क्षमता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यवाही को समयबद्ध ढंग से पूरा करने में मदद मिलेगी।
जीएसटी विभाग में भी विस्तार
प्रदेश के वित्त और राजस्व विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए जीएसटी विभाग में भी नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कदम राज्य के राजस्व संग्रह को बेहतर बनाने और जीएसटी से जुड़े मामलों के त्वरित निपटारे के लिए उठाया गया है।
सरकार का मानना है कि इससे राजस्व विभाग अधिक सक्रिय और पारदर्शी ढंग से कार्य कर पाएगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
खनिज न्यास (Mining Trust) के गठन को मंजूरी
खनन गतिविधियों को पारदर्शी बनाने और स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए राज्य और जिला स्तर पर खनिज न्यास (माइनिंग ट्रस्ट) का गठन किया जाएगा। यह न्यास खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग क्षेत्रीय विकास, पर्यावरण संरक्षण और खनन प्रभावित लोगों के पुनर्वास जैसे कार्यों में करेगा।
खनिज न्यास के गठन से खनन से जुड़ी अनियमितताओं को रोकने, खनिज संपदा के बेहतर उपयोग और पारदर्शिता में वृद्धि की उम्मीद है।
वृद्धावस्था पेंशन नियमों में राहत
प्रदेश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक मानवीय और संवेदनशील कदम उठाते हुए वृद्धावस्था पेंशन के नियमों में राहत दी है। अब यदि किसी वृद्धजन के पुत्र की आयु 18 वर्ष पूर्ण हो जाती है, तो उस आधार पर उसकी वृद्धावस्था पेंशन बंद नहीं की जाएगी।
इससे पहले यह शर्त थी कि यदि लाभार्थी का पुत्र 18 वर्ष का हो जाए, तो वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी जाती थी, भले ही वह आय के योग्य न हो। इस बदलाव से हजारों वृद्ध नागरिकों को राहत मिलेगी और उन्हें बिना किसी व्यवधान के पेंशन मिलती रहेगी।
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निष्कर्ष
मंत्रिमंडल की यह बैठक राज्य के समग्र विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, प्रशासन, राजस्व सुधार और सामाजिक कल्याण—इन सभी क्षेत्रों में लिए गए निर्णय उत्तराखंड को एक सशक्त, पारदर्शी और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाने वाले साबित होंगे।
प्रदेश सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह न केवल आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि समाज के हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रही है। आने वाले समय में इन नीतियों के ज़मी
नी स्तर पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।