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देहरादून:** उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओं को निखारने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से **खेल महाकुंभ 2023** की शुरुआत 4 अक्टूबर से हो रही है, जो दिसंबर तक चलेगा। इस महाकुंभ में 14 से 23 वर्ष की आयु के खिलाड़ी भाग ले सकेंगे। महाकुंभ के विभिन्न चरण न्याय पंचायत स्तर से प्रारंभ होकर विकासखंड, जिला, और अंततः राज्य स्तर पर आयोजित होंगे। यह आयोजन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।

 

राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने पर मिलेगा विशेष पुरस्कार:

इस वर्ष खेल महाकुंभ में एक विशेष प्रावधान किया गया है, जिसके तहत राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले खिलाड़ियों को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार राज्य के खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

आयोजन की संरचना और कार्यक्रम:

–  न्याय पंचायत स्तर:  खेलों की शुरुआत 4 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक न्याय पंचायत स्तर पर होगी।

– विकासखंड स्तर: 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक खेलों का आयोजन विकासखंड स्तर पर किया जाएगा।

–  जिला स्तर:इसके बाद 16 नवंबर से 10 दिसंबर तक जिला स्तरीय मुकाबले होंगे।

– राज्य स्तर: अंत में 15 दिसंबर से राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं की शुरुआत होगी, जिसमें विजेता खिलाड़ी राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।

 

पुरस्कार एवं सम्मान:

खेल महाकुंभ के विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र, और अन्य सम्मान प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, सबसे अधिक पदक जीतने वाले जिले के जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा मुख्यमंत्री ट्राफी  से सम्मानित किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री उदीयमान एवं प्रोत्साहन योजना:

खेल महाकुंभ मुख्यमंत्री उदीयमान और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी खिलाड़ियों के लिए भी एक स्वर्णिम अवसर है। इस प्रतियोगिता से न केवल खिलाड़ियों की क्षमता विकसित होगी, बल्कि उनके खेल कौशल को भी नई दिशा मिलेगी।

 

तैयारियों की समीक्षा:

शनिवार को खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने खेल निदेशालय में आयोजित एक वर्चुअल बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारियों और खेल विभाग के अधिकारियों के साथ महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, निदेशक खेल जितेंद्र कुमार सोनकर, अपर निदेशक अजय अग्रवाल, संयुक्त निदेशक शक्ति सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

खेल मंत्री ने बताया कि इस महाकुंभ से प्रदेश के खिलाड़ियों को अपने खेल कौशल को निखारने का एक बेहतरीन मंच मिलेगा, जिससे राज्य के खेल मानचित्र पर उत्तराखंड का नाम रोशन होगा।

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