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उत्तराखंड में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना तेजी से बढ़ रही है, और यह जल्द ही आम उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचने वाला है। हालांकि, राज्य के ऊर्जा विभाग, यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा लगातार दिए जा रहे नए बिजली कनेक्शनों में अभी भी पुराने डिजिटल मीटर ही लगाए जा रहे हैं। इसके चलते उपभोक्ताओं के बीच सवाल उठ रहे हैं। उनका कहना है कि जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं, तो फिर नए कनेक्शनों में पुराने मीटर क्यों लगाए जा रहे हैं।

 

प्रदेश में 16 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कवायद में जुटे यूपीसीएल द्वारा नए कनेक्शन लेने वालों को पुराना मीटर दिए जाने से उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। उपभोक्ताओं का तर्क है कि प्रीपेड मीटर में सुरक्षा राशि की वापसी की प्रक्रिया भी होगी, लेकिन यूपीसीएल अभी भी बिलों के माध्यम से अतिरिक्त सिक्योरिटी राशि वसूल कर रहा है, जो उन्हें असमंजस में डाल रहा है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं ने इस मामले में राहत और संशोधन की मांग की है।

 

उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं, तो क्यों न नए कनेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल पहले किया जाए, ताकि उन्हें अतिरिक्त सिक्योरिटी राशि के भुगतान से बचाया जा सके। यूपीसीएल द्वारा बिजली खपत के औसत के आधार पर उपभोक्ताओं से एडिशनल सिक्योरिटी ली जाती है, जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में इसकी आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि यह मीटर एक एडवांस सिस्टम है और उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करेंगे।

 

हालांकि, यूपीसीएल के प्रबंधन के अनुसार, उपभोक्ताओं से ली गई सुरक्षा राशि को बाद में स्मार्ट मीटर के रिचार्ज में समायोजित कर दिया जाएगा। इस तरह, उपभोक्ताओं को भविष्य में सिक्योरिटी राशि के रूप में की गई रकम की वापसी होगी, और स्मार्ट मीटर का उपयोग करने से उनके लिए भुगतान प्रणाली और भी आसान हो जाएगी।

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