Uttrakhand Nainital ;उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल और उसके आसपास के इलाकों में बीते वीकेंड भीषण जाम देखने को मिला। हल्द्वानी से लेकर नैनीताल तक सभी रास्ते वाहनों से खचाखच भरे रहे। पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते आमजन और प्रशासन दोनों को ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
शनिवार और रविवार को गर्मी से राहत पाने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक नैनीताल की ओर रवाना हुए। लेकिन यह सुकून की तलाश जल्दी ही परेशानी में बदल गई, जब सड़कों पर रेंगते हुए ट्रैफिक ने लोगों की यात्रा को थका देने वाला बना दिया। हालात इस कदर बिगड़े कि पुलिस को माइक से अनाउंसमेंट करना पड़ा कि “नैनीताल फुल हो चुका है, कृपया सभी लोग अपने घर को लौट जाएं।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सुरक्षाकर्मी का वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें एक सुरक्षाकर्मी माइक से लोगों को यह कहता सुनाई देता है कि नैनीताल पूरी तरह भर चुका है, होटलों में एक भी कमरे की जगह नहीं बची है। वीडियो में सुरक्षाकर्मी पर्यटकों से अपील करता है कि वे आगे जाने की ज़िद न करें और जहां हैं वहीं से लौट जाएं। यह दृश्य दर्शाता है कि किस तरह पर्यटन सीजन में बिना किसी प्लानिंग के यात्रा करना पर्यटकों और स्थानीय प्रशासन – दोनों के लिए चुनौती बन जाता है।
जाम में फंसे हल्द्वानी से लेकर काठगोदाम और भुजियाघाट तक
रविवार को सुबह से ही काठगोदाम से लेकर भुजियाघाट तक जाम की स्थिति बन गई थी। सुबह करीब 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक इन इलाकों में गाड़ियों की कतारें लगी रहीं। नैनीताल में वाहनों के अधिक दबाव को देखते हुए पुलिस ने काठगोदाम में ही वाहनों को रोकना शुरू कर दिया। अनुमानतः 80 से 90 पर्यटक बसें और निजी कारें वहीं रोक दी गईं।
जो वाहन पहले ही निकल चुके थे, वे भुजियाघाट, रानीबाग, दोगांव जैसे रास्तों में फंस गए। ट्रैफिक पुलिस और सीपीयू (सिटी पेट्रोल यूनिट) की टीमों ने लगातार प्रयास कर टैक्सियों, बसों और अन्य पर्यटक वाहनों को एक-एक कर जाम से बाहर निकालने का प्रयास किया। हालांकि, भारी भीड़ के चलते यह काम आसान नहीं था।
होटलों में नहीं मिली जगह
पर्यटकों की संख्या इतनी अधिक थी कि नैनीताल और आसपास के होटलों में भी कोई कमरा खाली नहीं बचा था। कई पर्यटक अपने वाहनों में ही रात बिताने को मजबूर हो गए, वहीं कुछ ने वापस लौटने का ही फैसला किया। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जिन पर्यटकों ने पहले से बुकिंग नहीं की है, वे यात्रा से बचें।
सोशल मीडिया बना भड़ास निकालने का जरिया
जाम में फंसे लोग सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते नजर आए। दीपक पनेरू नामक यूजर ने लिखा, “गौलापुल से शीशमहल पहुंचने में एक घंटा लग गया। ऐसा ट्रैफिक पहले कभी नहीं देखा।” वहीं राहुल बुंगला नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, “भुजियाघाट से हल्द्वानी आने में तीन घंटे लग गए।”
इन पोस्ट्स में लोगों ने ट्रैफिक मैनेजमेंट पर सवाल खड़े करते हुए सुधार की मांग की। कई यूजर्स ने सुझाव दिया कि प्रशासन को पर्यटन सीजन में वाहनों की सीमा तय करनी चाहिए और पार्किंग की व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए।
प्रशासन की चुनौती: पर्यटन और व्यवस्था के बीच संतुलन
नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों के लिए वीकेंड और छुट्टियों का समय सबसे अहम होता है। लेकिन यदि यह भीड़ अनियंत्रित हो जाए तो यह आमजन की परेशानी का कारण बन जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन को अब डिजिटल परमिट सिस्टम, सीमित वाहन प्रवेश और रियल टाइम ट्रैफिक अपडेट जैसे उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
सुझाव
– बिना होटल बुकिंग के यात्रा न करें
– ट्रैफिक अपडेट्स चेक कर ही घर से निकलें
– प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
– सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें
निष्कर्ष
नैनीताल की सुंदरता हर किसी को अपनी ओर खींचती है, लेकिन यात्रा की योजना बिना तैयारी के करना न सिर्फ यात्री के लिए बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बन सकता है। इस वीकेंड की घटना से साफ है कि बेहतर प्लानिंग और जागरूकता ही ऐसे हालात से बचने का रास्ता है।