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उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने के बाद प्रदेशवासियों में इसके प्रति जागरूकता और भागीदारी लगातार बढ़ रही है। शासन स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठक में सामने आया कि UCC लागू होने के बाद प्रदेश के हर ज़िले में औसतन प्रतिदिन 174 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। अब तक 94,000 से अधिक आवेदन सरकार को मिल चुके हैं, जिनमें सबसे अधिक 73,093 आवेदन केवल विवाह पंजीकरण से संबंधित हैं।

वहीं दूसरी ओर, लिव-इन रिलेशनशिप को भी नए कानून के दायरे में लाया गया है, और इस संदर्भ में भी अब तक 46 आवेदन किए जा चुके हैं। यह जानकारी गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में दी गई, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से पोर्टल पर सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की गई।

प्रमुख आंकड़े और सेवाएं:

– अब तक 19,956 आवेदन विवाह की स्वीकृति हेतु दर्ज किए गए।

– 430 आवेदन वसीयतनामा,

– 136 आवेदन तलाक/विवाह की शून्यता और

– 4 आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से जुड़े हुए हैं।

– 89 प्रतिशत आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है,

– लगभग 5 प्रतिशत आवेदन रद्द किए गए हैं।

ई-प्रक्रिया में राहत:

बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2010 से पहले के विवाह पंजीकरण के लिए अब वीडियो केवाईसी अनिवार्य नहीं रहेगा। हालांकि 2010 के बाद के विवाह पंजीकरण हेतु वीडियो केवाईसी की शर्त बनी रहेगी। साथ ही UCC से संबंधित प्रमाणपत्रों को डिजिलॉकर से जोड़ने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।

पंचायत स्तर पर भी मिल रही भागीदारी:

समीक्षा में यह भी बताया गया कि UCC पोर्टल से लगभग सभी ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है। जहां पहले 4,141 पंचायतों से आवेदन नहीं आए थे, अब यह संख्या घटकर मात्र 382 पंचायतों तक सीमित रह गई है।

जिलों की परफॉर्मेंस और निर्देश:

– रुद्रप्रयाग (29%), उत्तरकाशी (23%) और चमोली (21%) ने विवाह पंजीकरण में सराहनीय कार्य किया है।

– सचिव ने कहा कि जिन ज़िलों में आवेदन निरस्तीकरण की संख्या अधिक है, वहां के कारणों की गहन समीक्षा की जाए।

– जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनजागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों को सक्रिय रूप से UCC से जोड़ा जाए।

इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण को 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शासन स्तर से आवश्यक आदेश भी जारी किए जा चुके हैं।

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