Almora :देहरादून में हाल ही में आयोजित उत्तराखंड स्टेट मुए थाई चैंपियनशिप में अल्मोड़ा के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर एक बार फिर साबित कर दिया कि पहाड़ों की प्रतिभा किसी से कम नहीं है। इस प्रतियोगिता में नेशनल कराटे एंड मार्शल आर्ट्स एकेडमी, अल्मोड़ा के छह खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपने उत्कृष्ट खेल से कुल छह पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया।
प्रतियोगिता में अल्मोड़ा के खिलाड़ियों ने तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक अपने नाम किए। यह उपलब्धि न केवल उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह उनके कोच और प्रशिक्षण संस्थान की गुणवत्ता को भी दर्शाता है।
विजेता खिलाड़ियों की सूची:
स्वर्ण पदक विजेता:
यशपाल भट्ट
नीतिश कुमार
रोहित मंडल
रजत पदक विजेता:
अमन प्रसाद
कांस्य पदक विजेता:
कृतिका अधिकारी
सिमरन सिजवाली
खिलाड़ियों को पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करने का कार्य देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल द्वारा किया गया। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उत्तराखंड की युवा पीढ़ी में खेलों के प्रति बढ़ता रुझान बेहद सराहनीय है, और राज्य को इस पर गर्व है।
कोच का मार्गदर्शन और प्रेरणा
एकेडमी के कोच यशपाल भट्ट ने इस अवसर पर बताया कि खिलाड़ियों ने न केवल कठिन ट्रेनिंग ली, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को प्रतियोगिता के लिए तैयार किया। उन्होंने कहा, “हमारे खिलाड़ी ऊंचाई पर स्थित एक छोटे से शहर से हैं, लेकिन उनका जज़्बा और लगन किसी भी महानगर के खिलाड़ी से कम नहीं है। यह जीत सिर्फ पदकों की नहीं, बल्कि एक प्रेरणा की जीत है।”
सामाजिक और खेल जगत से बधाइयों का तांता
अल्मोड़ा के खिलाड़ियों की इस शानदार सफलता पर खेल जगत के कई प्रमुख चेहरों ने शुभकामनाएं दीं। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी, मुए थाई एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश जोशी, खेल प्रशिक्षिका दीप्ति पांडे और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गोदावरी चतुर्वेदी ने खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उन्हें आगे भी इसी तरह मेहनत करते रहने को प्रेरित किया।
मुए थाई: एक उभरता खेल
गौरतलब है कि मुए थाई एक थाईलैंड मूल का पारंपरिक मार्शल आर्ट है, जिसमें मुक्केबाज़ी, कोहनी, घुटने और पैरों का समन्वय होता है। यह खेल तेजी से भारत में लोकप्रिय हो रहा है और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के युवाओं को एक नया मंच प्रदान कर रहा है। अल्मोड़ा जैसे छोटे शहरों से इस खेल में भागीदारी और जीत यह दर्शाती है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती।
अल्मोड़ा में खेलों का बढ़ता स्तर
यह सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों की देन है। नेशनल कराटे एंड मार्शल आर्ट्स एकेडमी, अल्मोड़ा पिछले कई वर्षों से युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने का काम कर रही है। खिलाड़ियों को समर्पित कोचिंग, अनुशासन, नियमित अभ्यास और सकारात्मक वातावरण प्रदान करना इस सफलता की कुंजी रहा है।
माता-पिता और स्थानीय समर्थन
इस जीत में खिलाड़ियों के परिवारों का भी अहम योगदान रहा है। उनके माता-पिता ने न केवल उन्हें खेल के लिए प्रेरित किया बल्कि हर स्तर पर उनका समर्थन किया। साथ ही स्थानीय जनता और स्कूलों ने भी खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया, जिससे उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया।
भविष्य की तैयारी
कोच यशपाल भट्ट ने बताया कि अब इन खिलाड़ियों की नजरें राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं पर हैं। इसके लिए पहले से ही विशेष अभ्यास सत्र और रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश का नाम रोशन करेंगे।
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निष्कर्ष
अल्मोड़ा के युवाओं ने यह दिखा दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। मुए थाई जैसे खेलों में उनकी सफलता अन्य युवाओं को भी प्रेरित करेगी। राज्य सरकार और खेल संगठनों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे इन प्रतिभाओं को और अधिक समर्थन दें
ताकि उत्तराखंड खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सके।