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हरिद्वार – कांवड़ मेले की तैयारियों के तहत हरकी पैड़ी क्षेत्र में चल रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस को एक बड़ा झटका लगा। श्यामपुर थाना क्षेत्र में तैनात एएसआई वीरेंद्र सिंह गुंसाई की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई और उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। यह घटना न केवल पुलिस महकमे के लिए, बल्कि समस्त जनपद में सेवा दे रहे सुरक्षाकर्मियों के लिए गहरा सदमा लेकर आई है।

 

मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जनपद के कंडारा गांव के निवासी वीरेंद्र सिंह गुंसाई का परिवार वर्तमान में ऋषिकेश के गुमानीवाला क्षेत्र में निवास कर रहा है। मंगलवार को जब हरिद्वार में कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर हरकी पैड़ी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही थी, तब एएसआई गुंसाई भी ड्यूटी पर तैनात थे। स्थानीय प्रशासन की निगरानी में यह कार्रवाई शांतिपूर्वक चल रही थी, लेकिन इसी दौरान अचानक उन्होंने सीने में तेज दर्द की शिकायत की।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दर्द के बाद वह कुछ ही क्षणों में बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने बिना समय गंवाए उन्हें तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक तौर पर यह आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने से हुई है। हालांकि, इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी।

 

जैसे ही यह समाचार पुलिस विभाग में फैला, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और शोक संतप्त परिवार को ढाढ़स बंधाया। अस्पताल पहुंचने वालों में एसपी सिटी पंकज गैरोला, सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी, शहर कोतवाल रितेश शाह, इंस्पेक्टर प्रशांत बहुगुणा और श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा शामिल रहे। उन्होंने वीरेंद्र सिंह गुंसाई की सेवाओं को याद करते हुए उन्हें एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासित अधिकारी बताया।

 

वीरेंद्र सिंह गुंसाई एक अनुभवी पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को हमेशा सर्वोपरि रखा। उन्हें विभाग में एक शांत स्वभाव, अनुशासनप्रिय और सहयोगी अधिकारी के रूप में जाना जाता था। उनके सहकर्मी बताते हैं कि वह अक्सर अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह रहते थे, लेकिन ड्यूटी के प्रति उनकी लगन और समर्पण असाधारण था। कांवड़ मेले जैसे बड़े आयोजन में जहां व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है, वहां उनकी उपस्थिति हर बार राहत देने वाली मानी जाती थी।

 

उनकी मृत्यु ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ड्यूटी के दौरान सुरक्षाकर्मियों के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का ध्यान रखना कितना आवश्यक है। लंबे समय तक ड्यूटी, भीड़भाड़, तनावपूर्ण वातावरण और अत्यधिक गर्मी – ये सभी कारक पुलिसकर्मियों की सेहत को प्रभावित करते हैं। इस संदर्भ में प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल ड्यूटी रोटेशन में संतुलन बनाए, बल्कि स्वास्थ्य जांच और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं भी हर ड्यूटी स्थल पर सुनिश्चित करे।

 

इस दुखद अवसर पर उत्तराखंड पुलिस विभाग ने वीरेंद्र सिंह गुंसाई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी सेवाएं हमेशा स्मरणीय रहेंगी। उनके योगदान को भूलना संभव नहीं है, और विभाग उनके परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।

 

उनकी असामयिक मृत्यु हम सभी के लिए एक संदेश है कि कर्तव्य की राह पर चलने वाले ये लोग किस तरह से अपने जीवन का प्रत्येक क्षण जनता की सेवा में अर्पित कर देते हैं।

 

समापन में –

 

वीरेंद्र सिंह गुंसाई जैसे अधिकारी समाज की वह रीढ़ होते हैं, जो हर चुनौती, हर भीड़ और हर जोखिम में भी शांति और व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहते हैं। उनका जाना केवल एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि एक कर्तव्यपरायण प्रहरी का विदा लेना है, जिसने अपनी अंतिम सांसें वर्दी में लीं।

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